करगिल युद्ध को लेकर नवाज शरीफ का दावा-PAK सैनिकों के पास नहीं थे हथियार, जनरलों ने कराई जंग

Monday, Oct 26, 2020 - 01:16 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने करगिल युद्ध को लेकर कई राज खोले। नवाज शरीफ ने रविवार को दावा किया कि करगिल युद्ध के समय पाकिस्तानी सैनिकों के पास हथियार नहीं थे लेकिन कुछ जनरलों ने देश के सैनिकों को युद्ध में झोंक दिया। बता दें कि करगिल युद्ध के दौरान नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे। शरीफ ने इशारों-इशारों में तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ पर हमला बोला है। नवाज शरीफ के इन दावों से पाकिस्तान में सियासी पारा चढ़ सकता है। नवाज शरीफ ने कहा कि करगिल युद्ध में देश के सैंकड़ों जवानों को शहीद करवाने का फैसला सेना का नहीं बल्कि चंद जनरलों का था जिन्होंने सैनिकों को ऐसी जंग में झोंक दिया जिसमें सिवाए नुकसान के और कुछ नहीं दिया।

नवाज शरीफ ने कहा कि मेरे लिए वो लम्हा काफी तकलीफ देह था जब मुझे बताया गया कि युद्ध की चोटियों पर हमारे सैनिकों के पास खाने के लिए एक खुराक तक भी नहीं थी। नवाज शरीफ ने यह सारी बातें  क्वेटा में विपक्षी दलों के तीसरे सबसे बड़े सरकार विरोधी जलसे के दौरान कहीं। पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा पर निशाना साधते हुए नवाज ने कहा कि उन्होंने आवाम के खिलाफ जाकर इमरान खान को प्रधानमंत्री बनाया और जनता को इसका जवाब देना होगा। शरीफ ने कहा कि आने वाले समय में तबाही और और बर्बादी के छींटे पाकिस्तानी सेना पर न पड़ें इसलिए अब वे उन सभी के नाम लेंगे जो पहले ऐसे हालात बनाने के लिए जिम्मेदार रहे हैं।

शरीफ ने कहा कि बाजबा साहब आपको साल 2018 के इलेक्शन में देश की सबसे बड़ा धांधली और आवाम के मैंडेट की चोरी का हिसाब देना है। आपने पाकिस्तानी आवाम को धोखा दिया है। बता दें कि अशांत दक्षिण पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में सुरक्षा खतरों के बावजूद पाकिस्तान के मुख्य विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री इमरान खान को अपदस्थ करने के राष्ट्रीय अभियान के तहत रविवार को अपनी तीसरी बड़ी सामूहिक रैली आयोजित की।

11 विपक्षी दलों का पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) नामक यह गठबंधन 20 सितंबर को बनाया गया था। इससे पहले यह गठबंधन इस महीने गुजरांवाला और कराची में दो बार सफल शक्ति प्रदर्शन कर चुका है। साल 1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच करगिल युद्ध हुआ था। पाकिस्तानी सैनिकों ने घुसपैठ करके भारत की ऊंची चोटियों पर कब्जा करने की कोशिश की थी। भारतीय सैनिकों ने न सिर्फ पाकिस्तानी सेना को भगाया था बल्कि हार का स्वाद भी चखाया था।

Seema Sharma

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