साल के अंत तक कई बड़े सौदों को अंतिम रूप देगी नौसेना

Tuesday, Apr 18, 2017 - 08:05 PM (IST)

नई दिल्ली: कई सालों के विलंब के बाद भारतीय नौसेना दक्षिण कोरिया की एक रक्षा उत्पाद बनाने वाली कंपनी से समझौते के लिए तैयार है। यह समझौता समुद्री सुरंगों का खात्मा करने वाले 12 पोतों के निर्माण के लिए होगा जिसकी लागत करीब 35,000 करोड़ रुपए होगी। नौसेना के युद्धपोत उत्पादन एवं अधिग्रहण नियंत्रक वाइस एडमिरल डी. एम. देशपांडे ने कहा कि इस संबंध में गोवा शिपयार्ड और दक्षिण कोरियाई सहयोगी के बीच मुद्दों को सुलझा लिया गया है और इस साल के अंत तक समझौते को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

कई समझौतों पर होंगे हस्ताक्षर
नौसेना के पास वर्तमान में 6 ऐसे युद्धपोत हैं जो सोवियत संघ के समय के हैं और ये युद्धपोत 2018 के अंत तक नौसेना से सेवानिवृत्त हो जाएंगे। रक्षा मामलों की संसद की स्थायी समिति ने हाल ही में सरकार की इस मुद्दे पर कड़ी आलोचना की थी और नौसेना की क्षमताओं को पूरा करने के लिए प्रयास करने के लिए कहा था। देशपांडे ने कहा कि इसके अलावा लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक्स (एलपीडी) की खरीद के लिए भी इस साल के अंत तक समझौते पर हस्ताक्षर कर लिए जाएंगे।

नौसेना की 20,000 टन के चार एलपीडी खरीदने की योजना है जिसकी लागत करीब दो अरब डॉलर होगी। देशपांडे ने यहां उद्योग संगठन फिक्की के एक परिचर्चा सत्र के दौरान इस साल के अंत तक इस संबंध में खरीद समझौता होने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि नौसेना 57 विमान खरीदने पर भी ध्यान दे रही है क्योंकि उसने पिछले साल स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस के नौसेना संस्करण को बेड़े में शामिल करने से रद्द कर दिया था। 

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