तो इसलिए 4 दिसबंर को मनाया जाता है नौसेना दिवस

Sunday, Dec 04, 2016 - 01:57 PM (IST)

नई दिल्ली: भारतीय सेना की बहादुरी के किस्से बहुत लंबे हैं. चाहे पाकिस्तानी सेना से देश की कई बार रक्षा करना हो या बांग्लादेश को आजाद कराना या फिर चीन को मुंहतोड़ जवाब देना हमारी साहसिक भारतीय सेना ने हर मोर्चे पर अपने साहस का प्रमाण दिया। भारतीय सेना के एक अहम अंग नौ-सेना यानि जल सेना का इतिहास भी ऐसे ही कारनामों से भरा है। जंग-ए-आजादी से लेकर मुंबई में ऑपरेशन ताज तक भारतीय नौ सेना का इतिहास बहादुरी के कारनामों से भरा पड़ा है। भारतीय नौ सेना के इतिहास में सबसे अहम पड़ाव आया था साल 1971 में जब बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत ने कराची बंदरगाह पर मोर्चा खोला था।

विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी भारतीय नौसेना ने 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर भारी बमबारी कर उसे तबाह कर दिया था। 4 दिसंबर 1971 को आप्रेशन ट्राइडेंट नाम से शुरू किए गए अभियान में मिली कामयाबी की वजह से ही हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है। केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर भारतीय नौसेना के बहादुरी भरे कारनाम पर पोस्ट डाली है।


वीके सिंह ने अपने पेज पर लिखा-
1971 के युद्ध में भारतीय नौसेना ने एक ऐसे अभियान को अंजाम दिया, जिसकी सफलता और युद्धकौशल के लिए आज भी उसका उदाहरण दिया जाता है।
4 दिसम्बर, 1971 को Operation Trident में पाकिस्तानी नौसेना और कराची पर इतना अनापेक्षित एवं घातक हमला हुआ, कि दुश्मन सेना के हाथों के तोते उड़ गए। दक्षिण एशिया में पहली बार युद्धपोत से मिसाइल दागी गई, और पाकिस्तानी कमान को तो यही लगा कि उनका इतना भारी नुकसान भारतीय वायुसेना ने किया होगा।

 

1971 के युद्ध में भारतीय नौसेना ने एक ऐसे अभियान को अंजाम दिया, जिसकी सफलता और युद्धकौशल के लिए आज भी उसका उदाहरण दिया ज...

Posted by General V.K. Singh on Saturday, December 3, 2016



दुश्मन आकाश देखते रह गए, और यहां हमारी नौसेना शत्रु का काल बन कर वापस सुरक्षित देश लौट आयीं। अभियान के बाद दुश्मन इतना घबरा गया था कि उद्विग्नता में अपनी ही युद्धपोत को निशाना बना बैठा। आइए, नौसेना दिवस पर भारतीय नौसेना की शानदार उपलब्धियां और देश की सुरक्षा में उसके महत्त्व की सराहना करें।
जय हिन्द!

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