उत्तराखंड में कुदरत का कहर- बद्रीनाथ में नाले में फंसे कार सवार, केदारनाथ में 22 श्रद्धालुओं का रेस्क्यू

Tuesday, Oct 19, 2021 - 10:58 AM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तराखंड में भारी बारिश और बर्फबारी के कारण नदी-नाले उफान पर हैं और चारधाम की यात्रा रोक दी गई है। भारी बारिश के कारण चंपावत जिले के बाटनागाड-टनकपुर में फंसे मां पूर्णागिरी मंदिर के दर्शन को गए 200 श्रद्धालुओं को पुलिस ने सुरक्षित बचा लिया।

 

वहीं केदारनाथ से लौटते समय भारी बारिश के कारण सोमवार को जंग चट्टी में फंसे करीब 22 लोगों को SDRF और पुलिस ने रेस्क्यू कर बचाया। इन सभी लोगों को गौरीकुंड शिफ्ट किया गया है, इनमें से 55 साल के एक श्रद्धालु जिनको चलने में दिक्कत थी, स्ट्रेचर के जरिए शिफ्ट किया गया।

नाले में फंसी कार
बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से एक डराने वाला वीडियो सामने आया है। भारी बारिश के बाद उफनते लामबगड नाले में एक कार फंस गई, उस समय उसमें कई लोग सवार थे। सीमा सड़क संगठन (BRO) ने बचाया। पहाड़ दरकने की वजह से बद्रीनाथ मार्ग छह जगहों पर बाधित है।

अब तक 5 की मौत
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली सूचना के अनुसार, पौड़ी जिले के लैंसडौन क्षेत्र के समखाल में भारी बारिश के चलते भूस्खलन का मलबा एक होटल के निर्माण में लगे मजदूरों के तंबू पर आ गिरा जिसमें तीन मजदूरों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। एक अन्य घटना में चंपावत जिले के सेलखोला में एक मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया जिससे उसमें रहने वाले दो व्यक्तियों की मौत हो गई।

प्रदेश में मंगलवार तक भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए मुख्यमंत्री धामी स्वयं राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रियों और पर्यटकों के रहने और भोजन आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए और इसमें कोई लापरवाही न हो।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर एहतियात के तौर पर प्रदेश में क्लास एक से 12वीं तक के सभी स्कूल बंद रहेंगे। धामी ने कहा कि राज्य, जिलों और तहसील स्तरों पर नियंत्रण कक्ष 24 घंटे संचालित हों तथा मंगलवार तक जिलों से हर घंटे रिपोर्ट भेजी जाए। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और दारमा घाटी सहित प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और लगातार बारिश के कारण अक्तूबर में ही मौसम के मिजाज में ठंडक आ गई है।

Seema Sharma

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