राजीव गांधी हत्याकांड: एक छोटी सी बैटरी..... और जेल की अंधेरी कोठरी में गुजर गए जिंदगी के 30 साल

Friday, Nov 27, 2020 - 03:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे ए जी पेरारिवलन का पैरोल उपचार के वास्ते शुक्रवार से एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया। न्यायमूर्ति एन नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि अदालत ने 23 नवंबर को पैरोल एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया। पीठ ने राज्य को पेरारिवलन को एस्कार्ट प्रदान करने का निर्देश दिया। 

बीमारी के आधार पर लगाई थी अंतरिम अर्जी
न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता ने बीमारी के आधार पर और सर्जरी की जरूरत का हवाला देते हुए पैरोल 90 दिनों के लिए बढ़ाने का अनुरोध करते हुए अंतरिम अर्जी लगाई थी। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन और तमिलनाडु का पक्ष रखने वाले वकील बालाजी श्रीनिवासन की दलीलें सुनने के बाद पेरारिवलन का पैरोल शुक्रवार से एक सप्ताह के लिए बढ़ाया जाता है। मद्रास उच्च न्यायालय ने पेरारिवलन को मेडिकल आधार पर नौ नवंबर से 23 नवंबर तक के लिए पैरोल दिया था जिसे शीर्ष अदालत ने बढ़ा दिया।

30 सालों से जेल में बंद है एजी पेरारिवलन
राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी करार दिया जा चुका एजी पेरारिवलन 30 सालों से जेल में बंद है। जिस समय पेरारिवलन को अरेस्‍ट किया गया था उस समय उसकी उम्र 19 साल थी।  उस पर आरोप लगा था कि जिस आत्‍मघाती बम से राजीव गांधी की हत्‍या की गई थी उसके लिए 9 वोल्‍ट की बैटरी हत्‍यारों को उसने खरीदकर दी थी। पेरारिवलन को निर्दोश बताने वाले दलील देते हैं कि महज एक दुकानदार के बयान पर पेरारिवलन पर आरोप लगाए गए। उस पर हैरानी की बात यह कि उस दुकानदार को महीनों बाद यह याद रहा कि उसने पेरारिवलन को वह बैटरी बेची थी। उससे भी ज्‍यादा हैरानी की बात यह है कि उस बैटरी को खरीदने की रसीद सीबीआई को पेरारिवलन की जेब से मिल गई। उसने अपने जीवन के लगभग 30 साल कैद में ही गुजारे हैं। पेरारिवलन राजीव गांधी हत्याकांड में सजा काट रहे चार दोषियों में से एक है। पेरारिवलन के अलावा इनमें संतन, मुरुगन और नलिनी शामिल हैं। मुरुगन नलिनी का पति है। 

Anil dev

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