चुनाव प्रचार का हिस्सा माने जा सकते हैं हैशटैग वाले ट्वीट, समिति ने EC को सौंपी रिपोर्ट

Wednesday, Mar 03, 2021 - 01:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राजनीतिक पार्टियों की ओर से चुनाव के समय चलाए जाने वाले हैशटैग को विज्ञापन का रूप माना जा सकता है। यानी कि चुनाव के समय राजनीतिक पार्टियों की तरफ से चलाए जाने वाले ट्विटर हैशटैग को विज्ञापन का रूप माना जाएगा। जानकारी मुताबिक पिछले साल चुनाव आयोग की तरफ से गठित एक विशेषज्ञ समिति ने जनवरी में पोल ​​पैनल को सौंपी अपनी अंतरिम रिपोर्ट में जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में एक अलग सोशल मीडिया मॉनीटरिंग सेल बनाने की भी सिफारिश की है, ताकि चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापनों पर नजर रखी जा सके।

राजनीतिक पार्टियां सोशल मीडिया पर ट्रेंड के लिए लेती है बॉट्स का सहारा
चुनाव खर्च की सीमा और व्यय की निगरानी करने वाले व्यवस्थाओं की समीक्षा करने के लिए पूर्व आईआरएस अधिकारी हरीश कुमार की अगुवाई वाली गठित समिति ने 24 जनवरी को चुनाव आयोग को सौंपी अपनी अंतरिम रिपोर्ट में कई सुझाव दिए हैं। रिपोर्ट में पैनल ने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी के लिए एक अलग सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल बनना चाहिए। ताकि चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर चलने वाले राजनीतिक विज्ञापनों पर नजर रखी जा सके। क्योंकि विभिन्न राजनीतिक पार्टियां सोशल मीडिया पर ट्रेंड के लिए बॉट्स का सहारा लेती हैं। समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है राजनीतिक उद्देश्य के लिए सोशल मीडिया पर चलाए जाने वाले हैशटैक भी प्रचार अभियान का एक हिस्सा है और इसमें खर्चा होता है। साथ ही इन पर नजर रखने के लिए आयोग की ओर से बनाई गई मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (एमसीएमसी) के नियमों के दायरे में लाया जाए।

भारत ने ट्विटर पर 1100 से ज्यादा अकाउंट हटाने का दिया आदेश
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट, जिसने सरकार के आदेश के मुताबिक, बताए गए आधे अकाउंट को बंद कर दिया है और कंपनी अब अदालतों का दरवाजा खटखटा सकती है, क्योंकि ये हम जिन लोगों की सेवा करते हैं, उनकी ओर से स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अधिकार। दरअसल भारत ने ट्विटर पर 1100 से ज्यादा अकाउंट और पोस्ट्स को हटाने का आदेश दिया है और आरोप लगाया है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ भारतीय किसानों के व्यापक विरोध प्रदर्शन के बारे में गलत जानकारियां फैलाई जा रही हैं।

Anil dev

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