बिना नाम लिए चीन पर राजनाथ का हमला, कहा-  भारत को किसी का आंख दिखाना मंजूर नहीं

Monday, Jun 28, 2021 - 04:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज चीन का नाम लिए बिना कहा कि भारत शांति का पक्षधर है और कभी किसी पर आक्रमण नहीं करता लेकिन उसे किसी का आंख दिखाना मंजूर नहीं है और उसकी सेना हर तरह की चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता रखती है। सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे के साथ लेह और लद्दाख के तीन दिन के दौरे पर गये सिंह ने सोमवार को लद्दाख के कारू सैन्य स्टेशन में सेना की 14 वीं कोर के अधिकारियों और जवानों से बात की। बाद में उन्हें संबोधित करते हुए उन्होंने पिछले वर्ष चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए देश के जांबाज सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा , ‘‘ मैं सबसे पहले उन सभी जवानों की स्मृतियों को नमन करता हूं जिन्होने जून 2020 में ‘गलवान घाटी' में देश के लिए अपने प्राणो का बलिदान दिया। मै यह भी कहना चाहता हूँ कि यह देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा''। उन्होंने सेना द्वारा इस दौरान दिखाये गये शौर्य की सराहना की और कहा कि देश को उस पर गर्व है।  



रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत पड़ोसी देशों के साथ बातचीत के जरिये समस्याओं का समाधान निकालने की इच्छा रखता है लेकिन देश की सुरक्षा के साथ किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा , ‘‘ हम विश्वशांति के पुजारी हैं। हम शस्त्र भी धारण करते हैं तो शांति की स्थापना के लिए। भारत ने आज तक किसी भी देश पर न तो आक्रमण किया है न ही किसी भी देश की एक इंच ज़मीन पर हमने क़ब्ज़ा किया है। पड़ोसी देशों के साथ बातचीत के ज़रिए समाधान निकालने की कोशिश की जानी चाहिए। मंशा साफ़ होनी चाहिए। हम न तो किसी को आँख दिखाना चाहते हैं, न किसी का आंख दिखाना मंज़ूर है। हमारी सेना में हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता है। '' सशस्त्र सेनाओं को सरकार की ओर से हर संभव समर्थन का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का विजन है कि सेना का मजबूत होना जरूरी है जिससे कि वह किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रह सके। 



सिंह ने कहा कि 14 वीं कोर की तीसरी डिवीजन की स्थापना 1962 में भारत-चीन युद्ध के दरमियान हुई थी। स्थापना के कुछ वर्षों में ही 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में उसने निर्णायक भूमिका निभाई। कारगिल युद्ध में भी उसके वीरता के कारनामों ने देशवासियों का सिर ऊंचा किया। 14 वीं कोर के सैनिकों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा , ‘‘ आपके वीरतापूर्ण कारनामों की वजह से ही आपको ‘त्रिशूल' डिविजन के नाम से अलंकित किया गया है। आज आप भगवान शंकर के त्रिशुल के समान प्रचंड होकर, देश की उत्तरी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि सीमा पर उभरते किसी भी परिस्थिति का सामना करने में आप सक्षम हैं।'' इस मौके पर उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी और 14 वीं कोर के जनरल आफिसर इन कमान लेफ्टिनेंट जनरल पी जी के मेनन तथा कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

Anil dev

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