राजस्थानः किसान नेता राकेश टिकैत के काफिले पर हमला, कार के शीशे तोड़े, स्याही फेंकी

Friday, Apr 02, 2021 - 07:36 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राजस्थान के अलवर में किसान नेता राकेश टिकैत के काफिले पर हमला हुआ है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक यह हमला अलवर जिले में हुआ है और टिकैत की कार के शीशे को तोड़ दिया गया है। इस दौरान असामाजिक तत्वों ने टिकैत पर स्याही भी फेंकी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टिकैत को काले झंडे भी दिखाए गए हैं। असामाजिक तत्वों के द्वारा टिकैत पर स्याही डाली गई। इस हमले के बाद पुलिस सक्रिय हुई और कुछ लोगो को हिरासत में लिया गया है।       


काफिले पर हमला के बाद राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा है राजस्थान के अलवर जिले के ततारपुर चौराहा, बानसूर रोड़ पर भाजपा के गुंडों द्वारा जानलेवा पर हमला किए गए, लोकतंत्र के हत्या की तस्वीरें। टिकैत ने अपने ट्वीट में एक वीडियो भी शेयर किया है। जिसमें उनकी कार के पिछले हिस्से का शीशा टूटा हुआ दिखाई दे रहा है। वीडियो में कुछ रोड पर नारेबाजी भी करते हुए नजर आ रहे हैं। 

यह है मामला
जानकारी के अनुसार पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कुलदीप यादव और उसके सर्थको द्वारा किसान नेता राकेश टिकैत पर हमला किया गया। इसके बाद टिकैत को पुलिस सुरक्षा में बानसूर लाया गया। जानकारी के अनुसार किसान नेता हरसोली में सभा को सम्बोधित करके बानसूर जा रहे थे तभी उन पर हमला किया गया। हमले के बाद कुछ लोगों ने तितारपुर चैराहे पर जाम लगाया। नीमराणा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गुरुशरण राव ने बताया कि राकैश टिकेत के काफिले पर हुए हमले की घटना में कुलदीप यादव सहित चार लोगो को हिरासत में लिया है। अन्य लोगों को नामजद करने के प्रयास किए जा रहे हैं जिन्हें गिरफ्तारी के लिए टीमें भेजी गई हैं। उन्होंने बताया कि स्याही फेंकने और काले झंडे दिखाने की बात सामने आई थी। 



इस बीच टिकैत ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उनके पीसीओ की पिस्टल छीनने का प्रयास किया गया। गाड़ी पर लाठी मारी गई। पथराव किया गया। शीशे तोड़े गए। उन्होंने कहा कि जब उनके पीसीओ की पिस्टल छीनने का प्रयास किया जा रहा था तभी उनका पीसीओ फायरिंग कर सकते थे लेकिन फिर यह होता कि किसान नेता ने फायरिंग कराई है।  उन्होंने बताया कि इस घटना में कोई भाजपा का विधायक है जिसने इन लोगों को भेजा है गाड़ी में कितना नुकसान हुआ है यह भी देखेंगे और उनके कार्यकर्ताओं के साथ भी मारपीट कर की गई है कई लोगों को चोटें आई हैं। स्थानीय कार्यकर्ता ही इस संबंध में मुकदमा दर्ज कराएंगे। उन्होंने बताया कि कानून जब तक वापस नहीं होगा तब तक कि आंदोलन चलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक यह आंदोलन नवंबर दिसंबर तक चल सकता है। 

Anil dev

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