केंद्र सरकार ने राज्यसभा में खोला पाकिस्तान का काला चिट्टा, आतंकी घटनाओं को लेकर दी अहम जानकारी

Monday, Feb 08, 2021 - 06:15 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्र ने सोमवार को कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग आज अनुच्छेद 370 को लागू करने की नहीं, बल्कि विकास और रोजगार की मांग कर रहे हैं तथा यह बात पाकिस्तान को पसंद नहीं आ रही है जिसके कारण पड़ोसी देश ने घुसपैठ और संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन के प्रयास बढ़ा दिए हैं। गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि 2019 की तुलना में 2020 में जम्मू कश्मीर में घुसपैठ के प्रयास, पथराव तथा आतंकवाद की घटनाओं में कमी आयी जबकि राज्य में मारे गये आतंकवादियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर की जनता आज (अनुच्छेद) 370 की मांग नहीं कर रही। जम्मू कश्मीर की जनता विकास की मांग कर रही है। वहां की जनता मांग कर रही है कि नौजवानों को रोजगार मिले। 

पाकिस्तान ने घुसपैठ और संघर्ष विराम उल्लंघन के प्रयास बढ़ा दिए 
रेड्डी ने कहा कि जम्मू कश्मीर को विकास की राह पर चलने से रोकने के लिए पाकिस्तान ने घुसपैठ और संघर्ष विराम उल्लंघन के प्रयास बढ़ा दिए है। उन्होंने कहा कि 2019 में पाकिस्तान द्वारा 216 बार घुसपैठ के प्रयास किए गए जो 2020 में घटकर 99 रह गए। इसी प्रकार 2019 में आतंकवाद की घटनाओं में 127 लोग घायल हुए जिनकी संख्या 2020 में 71 थी। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में 2019 में 157 आतंकवादी मारे गए थे जिनकी संख्या 2020 में 221 थी। इसी प्रकार राज्य में 2019 में आतंकवाद की 594 घटनाएं और पथराव की 2009 घटनाएं हुई जिनकी संख्या 2020 में घटकर क्रमश: 224 और 327 रह गयी। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को पारित कर दिया। गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने जम्मू कश्मीर में हुए विकास का ब्यौरा देते हुए कहा कि हाल में हुए ब्लाक विकास परिषद के चुनावों में केंद्र शासित प्रदेश के 98 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि पंचायतों के जरिए मनरेगा कार्यों के लिए 1000 करोड़ रूपए दिए गए। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के 100 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंच गयी है जिनमें सीमांत क्षेत्र के गांव भी शामिल हैं। 

पीएम पैकेज के तहत जम्मू कश्मीर में 54 प्रतिशत काम शुरू
रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत जम्मू कश्मीर में 54 प्रतिशत काम शुरू हो चुका है जिसके तहत 20 परियोजनाएं चालू हैं तथा आठ परियोजनाओं को वर्तमान वित्त वर्ष तक पूरा कर लिया जाएगा। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों के कैडर से संबंधित है। इससे पूर्व विधेयक पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल करने की मांग की। उन्होंने जम्मू कश्मीर कैडर को अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम, केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर में विलय करने की जरूरत पर सवाल उठाया। आजाद ने कहा कि सरकार ने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की बात की थी लेकिन इस विधेयक से ऐसी आशंका बन रही है कि वह जम्मू कश्मीर को स्थायी रूप से केंद्रशासित बनाए रखना चाहती है। अगर जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देना ही है तो कैडरों के विलय की क्या जरूरत है। 

जम्मू कश्मीर में उद्योगों की संख्या में करीब 60 प्रतिशत की कमी आई 
उन्होंने कहा संविधान का अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में उद्योगों की संख्या में करीब 60 प्रतिशत की कमी आई है। वहां पहले ही उद्योगों की संख्या कम थी और बाद में उनमें से भी बड़ी संख्या में उद्योग बंद हो गए, जिससे रोजगार पर असर पड़ा। आजाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर में विकास होने का दावा वास्तविक नहीं है और जमीन पर विकास नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि सड़कें बदहाल हैं और जलापूर्ति एवं बिजली की स्थिति भी अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर वहां निर्वाचित सरकार होती तो कुछ समाधान निकल सकता था। उन्होंने हाल ही में स्थानीय चुनाव कराए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि विधानसभा के भी चुनाव कराए जाने चाहिए क्योंकि विधायक कानून निर्माता भी हैं। विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, मौजूदा जम्मू कश्मीर कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारी अब अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर का हिस्सा होंगे। केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए भविष्य के सभी आवंटन अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर से होंगे। 

Anil dev

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