स्किन पर कितने समय तक जीवित रहता है ओमिक्रॉन? ये है इसका जवाब

Saturday, Jan 29, 2022 - 11:32 AM (IST)

नेशनल डेस्क; ओमिक्रॉन वेरिएंट भारत समेत दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण  में बढ़ोतरी का कारण बना है लेकिन यह वेरिएंट इस महामारी से बाहर निकलने में कारगर साबित हो सकता है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने अपने अध्ययन में यह खुलासा किया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित होने के बाद इससे विकसित होने वाली एंटीबॉडी ना केवल इस वेरिएंट के खिलाफ बल्कि कोरोना वायरस के अन्य वेरिएंट्स के विरुद्ध भी प्रभावी होगी। इनमें डेल्टा वेरिएंट भी शामिल है, जिसने भारत समेत दुनिया के कई देशों में लाखों लोगों की जान ले ली थी। उधर एक अन्य शोध के मुताबिक कोरोना वायरस का ओमीक्रोन वेरिएंट त्वचा पर 21 घंटे, जबकि प्लास्टिक की सतह पर आठ दिनों तक जीवित रह सकता है।

अध्ययन की समीक्षा और पब्लिश होना बाकी
आईसीएमआर ने अपनी स्टडी में कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित व्यक्तियों में बेहतर इम्युन रिस्पॉन्स देखने को मिला। इससे ना सिर्फ इस वेरिएंट की रोकथाम में मदद मिली बल्कि डेल्टा समेत कोरोना वायरस के अन्य वेरिएंट्स के खिलाफ भी यह प्रभावी रहा। इस स्टडी में बताया गया कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से विकसित एंटीबॉडीज डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी तरीके से काम करती है। इसके अलावा डेल्टा वेरिएंट से पुनः संक्रमित होने का खतरा भी कम रहता है। आईसीएमआर ने ओमिक्रॉन वेरिएंट से संबंधित विशेष वैक्सीन के निर्माण पर जोर दिया है। हालांकि आईसीएमआर ने कहा कि यह स्टडी सिर्फ उन लोगों पर की गई है जो ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित हुए हैं। फिलहाल इस अध्ययन की समीक्षा नहीं की गई है और इसका पब्लिश होना बाकी है।

प्लास्टिक की सहत पर 8 दिन जीवित रहता है ओमिक्रॉन
जापान में क्योटो प्रीफेक्चरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया है। शोधकर्ताओं ने त्वचा पर वायरस के जीवन चक्र का पता लगाने के लिए कैडवर (शव) पर परीक्षण किया है। कैडवर के त्वचा पर वायरस का मूल रूप 8.6 घंटे, अल्फा 19.6, बीटा 19.1, गामा 11 घंटे, डेल्टा 16.8 घंटे, जबकि ओमिक्रोन 21.1 घंटे तक जीवित पाया गया है। रिसर्चरों का कहना है कि ज्यादा समय तक सतह पर जिंदा रहना वायरस के प्रसार में योगदान दे सकती है। शोध में पता चला है कि प्लास्टिक की सतहों पर वायरस का ओरिजनल स्ट्रेन 56 घंटे, अल्फा स्ट्रेन 191,3 घंटे, बीटा 156,6 घंटे, गामा 59.3 घंटे और डेल्टा वैरिएंट 114 घंटे तक जीवित रहने में सक्षम था। वहीं, कोरोना वायरस का लेटेस्ट वैरिएंट ओमिक्रॉन 193।5 घंटे तक जीवित रह सकता है। 
 

Anil dev

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