NOTA पर जब पड़े अधिक वोट चुनाव हो खारिज, याचिका पर SC ने केंद्र और EC से मांगा जवाब

Tuesday, Mar 16, 2021 - 11:13 AM (IST)

नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने केंद्र एवं निर्वाचन आयोग से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें किसी निर्वाचन क्षेत्र में नोटा के लिए सर्वाधिक मत पड़ने पर वहां का चुनाव परिणाम अमान्य करार देने और फिर से चुनाव कराने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने विधि एवं न्याय मंत्रालय और भारतीय निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी करके उन्हें याचिका पर जवाब देने के निर्देश दिये। इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्त मेनका गुरुस्वामी याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुईं। यह याचिका वकील एवं भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दायर की थी। 

याचिका में आयोग को यह भी निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि उन उम्मीदवारों एवं राजनीतिक दलों को ताजा चुनाव में भाग लेने से रोका जाए, जिन्होंने उस चुनाव में भाग लिया था, जिसके परिणाम को निरस्त किया गया हो। याचिका में कहा गया है, किसी उम्मीदवार को खारिज करने और नए उम्मीदवार को चुनने का अधिकार लोगों को अपना असंतोष जाहिर करने की ताकत देगा। यदि मतदाता चुनाव में खड़े हुए उम्मीदवार की पृष्ठभूमि एवं प्रदर्शन से असंतुष्ट हैं, जो इस प्रकार के उम्मीदवार को खारिज करने के लिए नोटा का बटन दबाएंगे और नए उम्मीदवार को चुनेंगे।

याचिका में कहा गया, न्यायालय यह घोषणा कर सकता है कि यदि इनमें से कोई नहीं (नोटा) को सबसे ज्यादा मत मिलते हैं, तो उस निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव को रद्द कर दिया जाएगा और छह महीने के भीतर नये सिरे से चुनाव कराए जाएं। इसके अलावा रद्द चुनाव के उम्मीदवारों को नए चुनाव में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। याचिका में कहा गया है कि कई बार राजनीतिक दल मतदाताओं से मशविरा किए बिना ही अलोकतांत्रिक तरीके से उम्मीदवारों का चयन करते हैं, इसीलिए कई बार निर्वाचन क्षेत्र के लोग उम्मीदवारों से पूरी तरह असंतुष्ट होते हैं। याचिका के अनुसार, अगर सबसे अधिक मत नोटा को मिलते हैं तो इस समस्या का हल नए चुनाव से हो सकता है। 

Anil dev

Advertising