किसान आंदोलन: कृषि मंत्री तोमर ने फिर दोहराया, हम बातचीत के लिए तैयार, तारीख तय कर बताएं''

Tuesday, Dec 22, 2020 - 05:16 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसान संगठनों का राष्ट्रीय राजधानी की सीमा के निकट मंगलवार को दूसरे दिन क्रमिक अनशन जारी रहा। किसान संगठनों ने राजधानी के धरना स्थलों पर अनशन शुरु किया है जो लगातार जारी रहेगा। अनशन 11 किसान नेताओं ने शुरु किया था । अनशन में हर दिन अलग-अलग किसान नेता हिस्सा लेंगे। इसी बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर फिर कहा कि दो दिन पहले कृषि मंत्रालय की तरफ किसान संगठन को पत्र भेजा गया था, सरकार खुले मन से किसान संगठन से बात करना चाहती है। अगर किसान बात करना चाहते हैं तो एक तारीख तय करके बताएं हम बातचीत के लिए तैयार हैं। 



उन्होंने कहा कि यह बात किसान संगठन को बताया गया था। सरकार की नीयत साफ है, हम पूरी दृढ़ता के साथ नए कानूनों का फायदा सबके सामने रख रहे हैं।  सरकार विभिन्न किसान संगठनों के साथ अनौपचारिक वार्ता कर रही है, उम्मीद है कि वर्ष के अंत के पहले संकट का समाधान निकल जाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है, किसानों को गुमराह कर रहा है। 




इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि बीते कई दिनों से देश में किसानों के लिए जो नए कानून बने, उनकी बहुत चर्चा है। ये कृषि सुधार कानून रातों-रात नहीं आए। पिछले 20-22 साल से हर सरकार ने इस पर व्यापक चर्चा की है। पीएम मोदी ने कहा कि देश के किसान, किसानों के संगठन, कृषि एक्सपर्ट, कृषि अर्थशास्त्री, कृषि वैज्ञानिक, हमारे यहां के प्रोग्रेसिव किसान भी लगातार कृषि क्षेत्र में सुधार की मांग करते आए हैं।



गौरतलब है कि संसद द्वारा मॉनसून सत्र में पारित तीन कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद कानूनों के रूप में इन्हें लागू किया जा चुका है, जिनका कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं और अनेक किसान, मुख्य रूप से पंजाब के किसान सड़कों पर उतर आए हैं। नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए बहुत से किसान उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में एक मैदान में जमा हुए हैं। केंद्र सरकार ने किसानों से बात करने की इच्छा प्रकट करते हुए उनसे संपर्क साधा है। सरकार ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और सरकारी मंडियों की व्यवस्थाएं यथावत रहेंगी, जिन मुद्दों पर किसान संगठन चिंता व्यक्त कर रहे हैं। 

Anil dev

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