किसान आंदोलन की वो दादी जिसके जवाब ने कंगना की बोलती कर दी बंद, हौंसला देख हर कोई हैरान

Wednesday, Dec 02, 2020 - 01:35 PM (IST)

नेशनल डेस्क: तीन केन्द्रीय मंत्रियों के साथ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की मंगलवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही। देश में नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए एक समिति गठित करने की सरकार की पेशकश को किसान संगठनों ने ठुकरा दिया। हालांकि, दोनों पक्ष बृहस्पतिवार को फिर से बैठक को लेकर सहमत हुये हैं। इस आंदोलन में एक दादी ऐसी है जो 80वें पड़ाव पर है लेकिन इस उम्र में भी जिस तरह वे किसानों का हौसलाअफजाई कर रही है उसे देखकर हर कोई हैरान है। हाल ही में उन्होंने अपने बयानों के कारण सुर्खियों में रहनी वाली एक्‍ट्रेस कंगना रनौत को ऐसा जवाब दिया जिसको सुनकर हर कोई हैरान रह गया। 


दरअसल कंगना रनौत ने किसान प्रोटेस्‍ट में शामिल बुजुर्ग किसान दादी को शाहीन बाग की बिलकिस बानो बताया था। जिसके बाद सोशल मीडिया पर उन्‍हें जमकर ट्रोल किया जाने लगा। हालांकि लोगों के निशाने में आने के बाद उन्‍होंने अब अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है। अब बुजुर्ग दादी महिंदर कौर ने कंगना को कड़ा जबाव दिया है। उनका कहना है कि उनके पास 13 एकड़ जमीन है और उन्‍हें 100 लेकर कहीं जाने की जरूरत नहीं है। महिंदर कौर कहती हैं कि, उनकी उम्र 87 साल है। वह अपने खेतों पर काम करती हैं। वह किसान संघर्ष में कभी पीछे नहीं रही हैं। मैं खुद एक किसान हूं और हमेशा अपने किसान भाईयों के साथ खड़ी हूं। कंगना कभी मेरे घर नहीं आई, मैं क्‍या करती हूं उनको नहीं पता और उन्‍होंने कह दिया, मुझे 100 रूपये दिए गए। बहुत बुरी बात है...मुझे क्‍या करना है 100 रूपये का। दादी महिंदर कौर के इस जवाब ने कंगना रनौत की बोलती बंद करके रख दी है। कंगना के ट्वीट को लेकर हर किसी की तरफ से उसका सख़्त विरोध किया जा रहा है।


वहीं दूसरी दादी नाम है जो बरनाला जिले के कट्टू गांव में रहने वाली है। 80 साल की जंगीर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मैं चाहती हूं कि सरकार हमारी मांगों पर ध्यान दें ताकि हमें हमारी जमीन खोने का डर न हो। जंगीर के पास एक एकड़ जमीन है। उन्हें भी इस उम्र में किसान आंदोलन में भागीदारी के लिए वाहवाही मिल रही है। जंगीर कहती हैं, मैं माटी के सपूतों का साथ देना चाहती हूं जो अपने हक के लिए लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेती वह घर नहीं जाएगी। अपने आखिरी सांस तक किसानों के साथ खड़ी हैं। 

Anil dev

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