दो साल के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच नदियों के पानी पर बातचीत

Wednesday, Mar 24, 2021 - 12:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत और पाकिस्तान के सिंधु आयोग के आयुक्तों की दो दिवसीय वार्षिक बैठक की शुरुआत मंगलवार को यहां हुई। इसमें पाकिस्तान द्वारा चेनाब नदी पर भारत की ओर से स्थापित की जा रही जल विद्युत परियोजना पर आपत्ति सहित कई मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है। दो दिन की वार्ता 24 मार्च तक चलेगी। आयोग की पिछली बैठक 29-30 अगस्त, 2018 को लाहौर में हुई थी। स्थायी सिंध जल आयोग की यह वार्षिक बैठक दो साल बाद हो रही है। बैठक में शामिल हुए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पीके सक्सेना कर रहे हैं और इसमें केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय बिजली प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय जल विद्युत ऊर्जा निगम के उनके सलाहकार शामिल हैं। 

पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सिंधु आयोग (पाकिस्तान) के आयुक्त सैयद मुहम्मद मेहर अली शाह कर रहे हैं। पाकिस्तानी प्रतिधिनिमंडल सोमवार शाम को यहां पहुंचा। मंगलवार को शुरू हुई दो दिवसीय वार्ता में उम्मीद है कि पाकिस्तान चेनाब नदी पर भारत द्वारा स्थापित की जा रही जलविद्युत परियोजना की डिजाइन पर आपत्ति दर्ज करेगा जिसका पानी सिंधु जल समझौते के तहत पाकिस्तान को आवंटित किया गया है। वर्ष 2019 के अगस्त में भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मी को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 को निष्क्रिय करने एवं राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में बांटने के बाद दोनों आयोगों की यह पहली बैठक हो रही है। भारत ने इसके बाद से इलाके में कई पनबिजली परियोजनाओं को मंजूरी दी है। 

इनमें लेह क्षेत्र में दुरबुक श्योक (19 मेगावाट क्षमता), शांकू (18.5 मेगावाट क्षमता), नीमू चिलिंग (24 मेगावाट क्षमता), रोंगदो(12 मेगावाट क्षमता), रत्न नाग (10.5 मेगावाट क्षमता) और कारगिल में मांगदम सांगरा (19 मेगावाट क्षमता), कारगिल हंडरमैन (25 मेगावाट क्षमता) व तमाश (12 मेगावाट क्षमता) परियोजना शामिल है। भारत ने इस परियोजनाओं की जानकारी पाकिस्तान को दी है और इस बैठक में इनपर चर्चा होने की उम्मीद है। बैठक से पहले सक्सेना ने कहा, भारत समझौते तक अपने हिस्से के पानी का पूरा इस्तेमाल करने को प्रतिबद्ध है और किसी मुद्दे का चर्चा एवं आमसहमति से हल पर विश्वास करता है। 
 

Anil dev

Advertising