दिल्ली में किसानों का साथ देकर एक तीर से दो निशाने साधने की फिराक में CM केजरीवाल!

Saturday, Nov 28, 2020 - 02:39 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केन्द्र सरकार सितंबर माह में 3 नए कृषि विधेयक लाई थी, जिन पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद वे कानून बन चुके हैं, लेकिन किसानों को ये कानून रास नहीं आया जिसके बाद उन्होंने जमकर इस बिल का विरोध किया। जिन बिलों को मोदी सरकार किसानों के लिए वरदान बता रही है, उन्हीं बिलों के खिलाफ अब हजारों किसान दिल्ली में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।  



दिल्ली की सीमा तक पहुंचने के लिए इन किसानों को आठ बड़े बैरिकेड पार करने पड़े और जगह-जगह सुरक्षाबलों की घेराबंदियों को तोड़ते हुए आगे बढऩा पड़ा, लेकिन ये सब कुछ इतने योजनाबद्ध तरीके से किया गया कि प्रशासन की तमाम रणनीतियों ने किसानों के आगे घुटने टेक दिए। दिल्ली पहुंचने पर जब दिल्ली पुलिस ने किसानों को रोकते हुए दिल्ली के अरविंद केजरीवाल सरकार से नौ स्टेडियमों को किसानों के लिए अस्थाई जेल बनाने की मांग की तो उन्होंने तुंरत इससे मना करते हुए किसानों की मांगों को सही ठहराया।  किसानों का साथ देकर केजरीवाल एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश कर रहे हैं। 


एक तीर से दो निशाने साधने की फिराक में केजरीवाल
दरअसल दो साल बाद फिर से पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में सीएम केजरीवाल ऐसी कोई गलती नहीं करना चाहते जिससे उन्हें या उनकी पार्टी आप को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा। अगर हम 2014 के लोकसभा चुनाव की तरफ नजर डाले तो आप पार्टी को 13 सीटों में से आप को सिर्फ 4 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जबकि 2019 के चुनावों में आप को सिर्फ एक सीट पर जीत मिल सकी।



वहीं भगवा पगड़ी पहनकर और पंजाबी में भाषण देने के बावजूद पंजाबियों ने नरेंद्र मोदी को नकार दिया था। इस चुनाव में उनकी पार्टी व एनडीए गठबंधन मात्र चार सीटों पर ही जीत हासिल कर सका था। आंकड़े बताते हैं कि राज्य के कुल 1.90 करोड़ मतदाताओं में से 1.15 करोड़ कृषक हैं। इसके अलावा 117 विधानसभा सीटों में से 66 सीटें पूरी तरह ग्रामीण हैं, जहां किसानों का ही बोलबाला है। ऐसे में दो साल बाद फिर से राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल कोई ऐसी गलती नहीं करना चाहते जो उनको भारी पड़े। वहीं किसानों के मुद्दे पर ही शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी का गठबंधन टूट चुका है, ऐसे में अरविंद केजरीवाल किसानों का साथ देकर एक तीर से दो निशाने साधने की फिराक में है। 



आप सरकार से स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाने की दिल्ली पुलिस को नहीं मिली इजाजत 
आपको बतां दें कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली चलो मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी आने वाले किसान प्रदर्शनकारियों के लिए शहर के स्टेडियमों को अस्थायी जेलों के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने दिल्ली पुलिस को नहीं दी। दिल्ली पुलिस के अनुरोध को खारिज करते हुए दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि प्रत्येक भारतीय नागरिक को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का संवैधानिक अधिकार है जिसके लिये उन्हें जेल में नहीं रखा जा सकता।



प्रमुख गृह सचिव को लिखे पत्र में जैन ने कहा कि केंद्र सरकार को प्रदर्शनकारियों की मांगों को स्वीकार करना चाहिए और किसानों को जेलों में डालना इसका समाधान नहीं है। दिल्ली पुलिस ने सिंघु और टीकरी बॉर्डर पहुंचे किसानों को तितर-बितर करने के लिये उनपर आंसू गैस के गोले दागे। अधिकतर प्रदर्शनकारी किसान पंजाब से हैं। किसान नेताओं से चर्चा के बाद दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की और बुराड़ी में निरंकारी मैदान पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाजत दे दी। जैन ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि अहिंसक तरीके से विरोध जताना हर भारतीय का अधिकार है। इसके लिये उन्हें जेल नहीं भेजा जा सकता।ज्ज् जैन ने पत्र में लिखा, इसलिये, दिल्ली सरकार स्टेडियमों को जेल में बदलने के दिल्ली पुलिस के आवेदन को खारिज करती है।


 

Anil dev

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