Farmers Protest: किसान आंदोलन में फूट, वीएम सिंह और भानु प्रताप सिंह हुए अलग

Wednesday, Jan 27, 2021 - 05:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कृषि कानूनों के विरोध में उपद्रवियों ने शर्मनाक हरकत करते हुए लाल किले पर चढ़कर एक विशेष संगठन का झंडा लगा दिया। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। पुलिस ने किसान नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव समेत 26 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस बीच राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के किसान वीएम सिंह ने दिल्ली की घटना को शर्मनाक बताते हुए ऐलान किया है कि उनका संगठन किसानों के आंदोलन से अलग हो रहा है। इसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन का भानु गुट भी किसान आंदोलन से अलग हो गया है। संगठन के मुखिया भानु प्रताप सिंह ने कहा कि जो आरोपी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो। उन्होंने चिल्ला बॉर्डर से धरना खत्म करने का एलान किया है।



वीएम सिंह के संगठन का नाम राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ है। ये संगठन अब आंदोलन का हिस्सा नहीं होगा। वीएम सिंह ने कहा कि इस रूप से आंदोलन नहीं चलेगा। हम यहां पर शहीद कराने या लोगों को पिटवाने नहीं आए हैं। साथ ही राकेश टिकैत व अन्य किसान नेताओं पर कई आरोप लगाए हैं। वीएम सिंह ने कहा कि जिन लोगों ने भड़काया उन पर सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि हम एमएसपी के लिए आए हैं, हुड़दंग मचाने नहीं आए। जिन लोगों ने ट्रैक्‍टर रैली के लिए तय रूटों का उल्‍लंघन किया, उनके खिलाफ सख्‍त कार्रवाई की जानी चाहिए। जो हुआ, वो बहुत शर्मनाक था। अब हमें यह देखना है कि हम उनलोगों के साथ कैसे आगे बढ़ेंगे, जो आंदोलन को ही खत्‍म करना चाहते हैं। 



उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान का झंडा, गरिमा, मर्यादा सबकी है। उस मर्यादा को अगर भंग किया है, भंग करने वाले गलत हैं और जिन्होंने भंग करने दिया वो भी गलत हैं। जो लेकर गया या जिसने उकसाया उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की भी गलती है जब कोई 11 बजे की जगह 8 बजे निकल रहा है तो सरकार क्या कर रही थी। जब सरकार को पता था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले को कुछ संगठनों ने करोड़ों रुपये देने की बात कही थी। 

Anil dev

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