1968 में दाखिल याचिका पर सुनवाई के लिए SC हुआ तैयार, लेकिन उससे पहले ही 108 वर्षीय वादी ने तोड़ा दम
Thursday, Jul 22, 2021 - 11:54 AM (IST)
नेशनल डेस्क: भूमि विवाद को लेकर वर्ष 1968 में दाखिल वाद और 27 साल तक बम्बई उच्च न्यायालय में लंबित रहने के बाद मामला खारिज करने के फैसले के खिलाफ अपील उच्चतम न्यायालय ने स्वीकार कर ली, लेकिन इस पल को देखने के लिए 108 वर्षीय वादी जिंदा नहीं रहा।
वादी की जिंदगी में यह पल आने से पहले ही उसकी मौत हो गई। उच्चतम न्यायालय ने 12 जुलाई को सोपन नरसिंह गायकवाड़ की याचिका पर सुनवाई की सहमति तब दी जब उनके वकील ने अनुरोध किया कि अपील में देरी को याचिकाकत्र्ता के महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाके का होने के संदर्भ में देखा जाए और बताया कि उच्च न्यायालय के फैसले की जानकारी उसे देरी से मिली और इसके बाद कोविड-19 महामारी आ गई।
गायकवाड़ ने 1968 में पंजीकृत बिक्री करार में जमीन खरीदी थी, लेकिन बाद में पता चला कि उसके मूल मालिक ने जमीन के एवज में बैंक से ऋण लिया है। जब मूल मालिक ऋण नहीं चुका सका तो बैंक ने गायकवाड़ को संपत्ति कुर्क करने का नोटिस जारी किया। इसके बाद गायकवाड़ मूल मालिक और बैंक के खिलाफ निचली अदालत में चले गए और कहा कि वह जमीन के प्रमाणिक खरीदार हैं और बैंक मूल मालिक की अन्य संपत्ति बेचकर ऋण की राशि वसूल सकता है।