संजय राउत का शिंदे सरकार पर हमला, कहा- महाराष्ट्र में एक बार फिर लॉकडाउन जैसी स्थिति

Thursday, Jul 14, 2022 - 04:28 PM (IST)

नेशनल डेस्क: शिवसेना नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में फिलहाल कोई सरकार अस्तित्व में नहीं है, क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार “अवैध” है। उन्होंने सवाल किया कि राज्य में जब बारिश कहर बरपा रही है, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी कहां हैं। यहां संवाददाताओं से बात करते हुए राउत ने कहा कि राज्य के कई हिस्सों में हैजा फैला हुआ है जिसके चलते लोगों की मौतें हुई हैं। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में एक बार फिर लॉकडाउन जैसी स्थिति है। बाढ़ के कारण करीब 100 लोगों की मौत हो चुकी है।” 

राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, एक जून से 10 जुलाई के बीच बारिश से संबंधित घटनाओं में 83 लोगों की मौत हुई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एक रिपोर्ट में कहा था कि ये मौतें बाढ़, आकाशीय बिजली गिरने, भू-स्खलन, पेड़ गिरने, ढांचों के ढहने आदि के चलते हुई। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को कहा कि 181 लोग हैजा से संक्रमित हुए थे जिनमें से पांच की मौत हो गई। राउत ने कहा, “ऐसी स्थिति में राज्य में कोई सरकार नहीं है। राज्य में कोई सरकार नहीं है क्योंकि यह एक अवैध सरकार है।” उन्होंने कहा, ‘‘बाढ़ राज्य में कहर बरपा रही है। 

राज्यपाल कहां हैं?वह कल तक हमें निर्देशित कर रहे थे। अब वह कहां हैं? राज्य के लिए अब उनके निर्देशों की जरूरत है।'' शिवसेना जोर देकर कहती रही है कि शिंदे और शिवसेना के 39 बागी विधायकों की अयोग्यता याचिकाएं उच्चतम न्यायालय में लंबित हैं, ऐसे में नयी सरकार को अवैध रूप से शपथ दिलाई गई। शिवसेना में बगावत के बाद जून के अंतिम सप्ताह में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि कई शिवसेना विधायक जिन्होंने पाला बदला था, उन्हें अयोग्य घोषित किया जा सकता है।

 उन्होंने कहा कि बागी विधायकों के सिर पर अयोग्यता की तलवार लटक रही है। शिवसेना सांसद ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार भी अब तक नहीं हुआ है क्योंकि पार्टी द्वारा विधायकों की अयोग्यता के लिये दायर याचिका पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आना अभी बाकी है। उन्होंने कहा, “(बागी) विधायकों को शपथ दिलाना संविधान के मुताबिक नहीं है। यह राजनीतिक भ्रष्टाचार है। राज्यपाल को संविधान के खिलाफ कुछ भी नहीं करना चाहिए।” भाषा प्रशांत सुभाष
 

Anil dev

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