वैज्ञानिक का खुलासा अगली महामारी होगी कोरोना से ज्यादा घातक, निपटने के लिए फंड नहीं

Wednesday, Dec 08, 2021 - 10:50 AM (IST)

नई दिल्ली: ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन बनाने वाली प्रोफेसर ने कहा है कि भविष्य में महामारियां वर्तमान कोरोना संकट से भी घातक और जानलेवा होंगी। प्रोफेसर डेम सारा गिल्बर्ट ने 44वें रिचर्ड डिम्बलबी व्याख्यान में कहा कि महामारी की तैयारियों के लिए और अधिक फंड की जरूरत है ताकि इनके प्रकोप को रोका जा सके। उन्होंने ये भी चेताया कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन पर वैक्सीन का प्रभाव कम हो सकता है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रोफेसर डेम सारा गिल्बर्ट ने कहा कि हम ऐसी परिस्थिति में दोबारा नहीं हो सकते जहां हम एक बार फिर वो सब देखें जो हमने इस बार देखा है, लेकिन कोरोना से हुए भारी आर्थिक नुकसान के कारण महामारी से निपटने की तैयारियों लिए हमारे पास फंड नहीं हैं।

नए वेरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर रहें सतर्क
गिल्बर्ट ने कहा कि जब तक इस नए वेरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर और भी जानकारी सामने ना आ जाए तब तक लोगों को भी सावधान रहने की जरूरत है।इस व्याख्यान में उन्होंने कहा कि यह आखिरी बार नहीं हो रहा है जब किसी वायरस से हमारे जीवन और हमारी आजीविका को खतरा पैदा हुआ है। सच तो यह है, कि अगली महामारी और भी बदतर हो सकती है। यह अधिक संक्रामक और अधिक घातक दोनों हो सकती है। हमने इससे जो सीखा है और हमारा जो अनुभव रहा है वह व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। ओमीक्रॉन वेरिएंट के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसके स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन है जो वायरस के संक्रमण को बढ़ाने का काम करता है।

यूनिवर्सल टीका बनाने की जरूरत
उन्होंने कहा कि ये वेरिएंट थोड़ा अलग है जिससे हो सकता है कि वैक्सीन से बनने वाली एंटीबॉडी या दूसरे वेरिएंट के संक्रमण से बनने वाली एंटीबॉडी ओमीक्रॉन के संक्रमण को रोकने में कम प्रभावी हो। जब तक हम इस नए स्ट्रेन के बारे में और अधिक नहीं जान जाते, तब तक हमें सतर्क रहना चाहिए और इसके प्रसार को कम करने की कोशिश करनी चाहिए। हालांकि उन्होंने ये भी कहा की वैक्सीन के प्रभाव के कम होने की संभावना का मतलब ये नहीं है कि संक्रमण बेहद गंभीर या मौत का कारण बन सकता है। गिल्बर्ट ने महामारी के दौरान टीकों के निर्माण और दवाओं के वितरण में आई तेजी को अन्य बीमारियों के लिए भी लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अन्य बीमारियों जैसे इन्फ्लूएंजा के लिए भी एक यूनिवर्सल टीका बनाना चाहिए।

Anil dev

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