युद्ध में जाने से पहले प्रेमिका की मांग खून से भर गए थे शहीद विक्रम बतरा, प्रेमिका ने आज तक नहीं की शादी

Tuesday, Jul 26, 2022 - 11:06 AM (IST)

डेस्क:  26 जुलाई को भारत हर साल करगिल विजय दिवस मनाता है। 1999 में इसी दिन पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना ने जीत का परचंम लहराया था। 1999 के कारगिल युद्ध के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा के उस जज्बे और साहस को आज भी लोग याद कर सलाम करते हैं। आज हम आपको शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा से जुड़ा एक दिल छू लेने वाला किस्सा बताने जा रहे हैं।

अंगूठा काटकर खून से भरी थी प्रेमिका की ‘मांग’

अक्सर आपने फिल्मों में किसी हीरो को हाथ काटकर खून से हिरोइन की मांग भरते हुए देखा होगा, लेकिन विक्रम बत्रा ने ये सच में किया था। जब उनकी प्रेमिका ने उनसे शादी करने की इच्छा जाहिर की थी और सेना के इस हीरो ने अपने पर्स में से ब्लेड निकालकर अंगूठा काटा और अपनी होने वाली दुल्हन की मांग खून से भर दी थी। ये सारा वाकया करगिल युद्ध पर जाने से पहले घटा था।

बोले-बधाई हो मिसेज बत्रा

दरअसल दोनों मनसा देवी चंडीगढ़ में घूमने गए हुए थे। मंदिर की परिक्रमा के दौरान विक्रम बत्रा ने प्रेमिका का दुपट्टा पकड़कर ‘बधाई हो मिसेज बत्रा’ कहा था। विक्रम बत्रा की प्रेमिका ने इन सब बातों का खुलासा किया है। 

‘जंग में जाने को उत्साहित थे मिस्टर बत्रा’

माफ कीजिएगा हम यहां विक्रम बत्रा की प्रेमिका का नाम नहीं बता सकते, लेकिन हां दोनों का प्रेम अमर जरूर है। जानकारी तो ये भी है कि विक्रम की प्रेमिका ने विक्रम के जाने के बाद शादी नहीं की। वे आज भी कुंवारी हैं। वे कहती हैं कि जब बत्रा ने करगिल युद्ध पर जाने की बात सुनी थी तो वह काफी उत्साहित थे।

यूनिवर्सिटी में हुई थी दोनों की मुलाकात

कहते हैं प्यार की पहली मुलाकात हर सच्चे प्रेमी को याद रहती है, इन दोनों प्रेमियों की पहली मुलाकात पंजाब यूनिवर्सिटी में एमए की पढ़ाई के दौरान हुई थी लेकिन विक्रम की एमए पूरी होती इससे पहले ही वे आईएमए में हो गए थे और फिर करगिल युद्ध के बाद दोनों हमेशा-हमेशा के लिए अलग हो गए लेकिन दोनों अलग-अलग जहां में रहते हुए भी एक हैं।

‘आज भी मैं विक्रम को बहुत याद करती हूं’

अपनी प्रेम कहानी पर बत्रा की प्रेमिका ने कहा कि जब लोग विक्रम बत्रा की बहादुरी का जिक्र करते हैं तो उन्हें बहुत फख्र महसूस होता है। उनकी तमन्ना थी करगिल युद्ध में बहादुरी के किस्से वह उन्हें सुनाती और बत्रा अपनी बहादुरी के किस्से लोगों से सुनते। वे कहती हैं कि आज भी ऐसा कोई दिन नहीं, जब वह विक्रम बत्रा को याद न करती हों।

बेटे की प्रेमिका के प्रेम को सलाम करते हैं पिता

शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता जीएल बत्रा ने कहा कि चंडीगढ़ की इस महिला को वह आज भी सलाम करते हैं कि उन्होंने उनके शहीद बेटे विक्रम बत्रा की याद में आज से करीब 22 साल पहले शादी न करने का फैसला लिया था। भगवान से उन्हें सदा सुखी रखने की दुआ करते हैं। विक्रम बत्रा जब छोटे थे तो वह उनके लिए धार्मिक किताबें लाना चाहते थे ताकि वह संस्कार की बातें सीखें। उन्हें हैरानी हुई थी कि बत्रा खुद भागवत से संबधित कई बातों को जानते थे।

मां से कहा था कैसे भी आऊं, लेकिन आऊंगा जरूर

जंग पर जाने से पहले जब मां ने विक्रम बत्रा की आरती उतारकर उन्हें नम आंखों से विदा किया, तो बेटे ने जो लाइनें कहीं उससे मां भी सोच रही होगी कि चिंता करूं या गर्व महसूस करूं? दरअसल उस वक्त विक्रम बत्रा ने कहा था ‘या तो तिरंगा लहराकर आऊंगा या तिरंगे में लिपटा आऊंगा, लेकिन आऊंगा जरूर’।

हिमाचल के शेर पर बन रही ‘शेरशाह’ फिल्म

कांगड़ा के पालमपुर के निवासी और करगिल जंग के हीरो रहे शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की शौर्य गाथा और प्रेम कहानी पर बॉलीवुड फिल्म बन रही है। फिल्म का नाम है ‘शेरशाह’। शेरशाह नाम की उपाधि कैप्टन विक्रम बत्रा को उनकी बटालियन में दी गई थी। इसलिए फिल्म का नाम शेरशाह रखा गया है। बता दें कि कमांडिंग ऑफिसर लैफ्टिनैंट कर्नल वाईके जोशी ने विक्रम बत्रा को ‘शेरशाह’ उपनाम से नवाजा था।

 

Anil dev

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