किसानों से बातचीत के बाद सरकार बिल में सुधार को तैयार: तोमर

Friday, Dec 11, 2020 - 04:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली की सीमाओं पर लगातार किसानों का प्रदर्शन जारी है। इसी बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं से इस मामले में सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्तावों पर विचार करने का आग्रह किया। सरकार का लगातार आग्रह था कि कानून के वो कौन से प्रावधान हैं जिन पर किसान को आपत्ति है, कई दौर की बातचीत में ये संभव नहीं हो सका। हमारा प्रस्ताव उनके (किसानों) पास है, उन्होंने इस पर चर्चा की लेकिन हमें उनसे कोई जवाब नहीं मिला है। मीडिया से पता चला कि प्रस्‍ताव खारिज कर दिया है। हमें अभी तक उनसे बातचीत का प्रस्‍ताव नहीं मिला है। उनका प्रस्‍ताव आते ही हम बातचीत के लिए तैयार हैं। मुझे लगता है कि हल निकल आएगा। मैं किसान यूनियनों से आग्रह करता हूं कि वे गतिरोध खत्‍म करें। उन्होंने कहा कि किसानों से बातचीत के बाद हम बिल में सुधार के लिए तैयार है। 

सरकार किसानों की मांगों का बातचीत से समधान निकलने को लेकर आशान्वित
तोमर ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार किसानों की मांगों का बातचीत से समधान निकलने को लेकर आशान्वित हैं। संवाददाता सम्मेलन में वाणिज्य एवं रेल मंत्री पीयूष गोयल भी तोमर के साथ थे। कृषि मंत्री ने कहा, सरकार किसानों से आगे और वार्ता करने को इच्छुक और तैयार है। इससे एक दिन पूर्व किसान संगठनों न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जारी रखने और सितंबर में लागू किये गये नए कृषि कानूनों के कुछ प्रावधानों में संशोधन करने के सरकार के लिखित आश्वासन को खारिज कर दिया था । किसान यूनियनों ने बुधवार को यह भी कहा कि वे आंदोलन तेज करेंगे तथा राष्ट्रीय राजधानी को जोडऩे वाले सभी राजमार्गों को अवरुद्ध करेंगे। नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग के साथ लगभग दो सप्ताह से हजारों किसान राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन किसानों का दावा है कि ये कानून मंडी व्यवस्था और कृषि उपज की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था को ध्वस्त करके बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से बनाया गया है। तोमर ने कहा कि किसानों से बातचीत जब जारी थी तो उस समय आंदोलन के अगले चरण की घोषणा करना उचित नहीं था। उन्होंने कृषक संगठनों से वार्ता पर लौटने का आग्रह किया। 


हमने किसानों से मिलने के बाद कुछ प्रस्ताव दिए
उन्होंने कहा, हमने किसानों से मिलने के बाद कुछ प्रस्ताव दिए और हम उनसे उन पर विचार करने का आग्रह करते हैं। यदि वे उन प्रस्तावों पर भी चर्चा करना चाहते हैं, तो हम इसके लिए भी तैयार हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार एमएसपी प्रणाली पर नया विधेयक लाने पर विचार करेगी, मंत्री ने कहा कि नए कानून एमएसपी प्रणाली को प्रभावित नहीं करते हैं और यह प्रणाली जारी रहेगी। गोयल ने कहा, हम अपने किसान भाइयों और बहनों और यूनियन नेताओं से अपील करते हैं कि वे अपना विरोध खत्म करें और सरकार से बातचीत कर अपने मुद्दों को हल करें।''उन्होंने कहा कि भारत के किसानों के लाभ के लिए एक सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के प्रति सरकार का रवैया खुला और लचीला है। तोमर ने कहा, सरकार नए कानूनों में किसी भी प्रावधान पर विचार करने के लिए तैयार है जहां कहीं भी किसानों की कोई समस्या हो और हम उनकी सभी आशंकाओं को साफ करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हम किसानों के नेताओं से उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए सुझाव का इंतजार करते रहे, लेकिन वे कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं। 

सरकार किसानों के साथ बातचीत के लिए हमेशा तैयार
उन्होंने वस्तुत: विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों की प्रमुख मांग से सहमत होने की संभावना से इंकार किया जिस मांग को लेकर हजारों किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। तोमर ने कहा कि सरकार किसानों के साथ बातचीत के लिए हमेशा तैयार रही है। मंत्री ने कहा, हम ठंड के मौसम और मौजूदा कोविड-19 महामारी के दौरान विरोध कर रहे किसानों के बारे में चिंतित हैं। सरकार ने कम से कम सात मुद्दों पर आवश्यक संशोधन करने का भी प्रस्ताव किया है, जिसमें से एक, मंडी प्रणाली के कमजोर होने को लेकर आशंका से जुड़ा है। तोमर ने कैबिनेट पीयूष गोयल के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बुधवार रात मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि सरकार सितंबर में बनाए गए नए कृषि कानूनों के बारे में सभी आवश्यक स्पष्टीकरण करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि ये कानून संसद में विस्तृत चर्चा के बाद पारित किये गए हैं। गोयल, जो मीडिया ब्रीफिंग में भी मौजूद थे, ने कहा कि नए कानून एपीएमसी को प्रभावित नहीं करते हैं और यह संरक्षित रहेगा। किसानों को केवल निजी मंडियों में भी अपनी उपज बेच सकने का एक अतिरिक्त विकल्प दिया जा रहा है। किसान नेताओं ने बुधवार को कहा था कि सरकार के प्रस्ताव में कुछ नया नहीं है और वे अपना विरोध जारी रखेंगे। 

Anil dev

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