दिल्ली में डेंगू का कहर, मैक्स जैसे अस्पतालों में फुल हुए बेड्स, मारे-मारे फिर रहे मरीज

Friday, Oct 29, 2021 - 02:49 PM (IST)

नेशनल डेस्क; कोरोना के बाद दिल्ली में अब डेंगू का कहर बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। दिल्ली में डेंगू के अब तक 1000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं।  बीते 24 घंटे में सफदरजंग अस्पताल में डेंगू से एक और मरीज की मौत हो गई।  यही नहीं कई बड़े अस्पतालों में बेड्स भी फुल हो चुके हैं। आलम यह है कि कई जगहों पर मरीजों को जमीन पर ही सोना पड़ रहा है। सफदरजंग अस्पताल में डेंगू के मरीजों को बेड्स नहीं मिल रहे हैं। 

वहीं, आरएमएल, एम्स, मैक्स, गंगाराम जैसे बड़े अस्पतालों में भी डेंगू मरीज के बेड्स फुल हो चुके हैं। डॉक्टरों का कहना है कि वॉर्ड पूरी तरह से फुल हैं। ओपीडी में भी फीवर के 50 फीसदी मरीज डेंगू के ही हैं। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि इस बार डेंगू का डेन टू स्ट्रेन एक्टिव है, जो सबसे ज्यादा खतरनाक होता है।  साकेत के मैक्स अस्पताल में भी काफी भीड़ है। सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी बेड की कमी देखी जा रही है।

नगर निगमों को मच्छरों का प्रजनन रोकने के कदमों संबंधी स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश 
वहीं दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को तीन नगर निगमों और अन्य नागरिक एजेंसियों को मच्छर प्रजनन नियंत्रित करने और राष्ट्रीय राजधानी में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को रोकने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों पर आगे की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि उसने मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करने के लिए प्राधिकारियों द्वारा पहले से उठाए गए कदमों पर गौर किया है। पीठ ने कहा कि वह स्थिति की निगरानी के लिए मामले को कुछ समय के लिए लंबित रखेगी। पीठ ने कहा, ‘‘याचिका की प्रकृति जो अदालत ने स्वयं से शुरू की है और प्रतिवादी प्राधिकारियों द्वारा पहले ही उठाए गए कदमों और आगे उठाये जाने वाले कदमों के मद्देनजर हम उन्हें आगे उठाये जाने वाले कदमों पर नए सिरे से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हैं।'' 

अदालत ने मामले को 24 दिसंबर को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए तीन एमसीडी-पूर्व, दक्षिण और उत्तर, दिल्ली सरकार, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली छावनी और नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। अदालत ने गत मई में राष्ट्रीय राजधानी में मच्छरों की संख्या में बढ़ोतरी पर चिंता जताते हुए इसकी आशंका को लेकर एक जनहित याचिका शुरू की थी कि अगर स्थिति को मानसून से पहले नियंत्रित नहीं किया गया तो कोविड​​​​-19 महामारी के बीच वेक्टर जनित बीमारियों के बढ़ सकती हैं। 

Anil dev

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