गुजरात चुनाव से पहले 'बागी' हुए हार्दिक पटेल का दिखा भगवा अवतार! अब व्हाट्सऐप बायो से कांग्रेस गायब

Monday, Apr 25, 2022 - 01:02 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस में शामिल होने के तीन साल बाद अटकलें तेज हैं कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता रहे हार्दिक पटेल भाजपा ज्‍वाइन कर सकते हैं। इसी बीच वॉट्सऐप पर लगाई गई उनकी नई फोटो से लग रहे कयास और मजबूत हो गए हैं। दरअसल वॉट्सऐप की नई डीपी में हार्दिक पटेल भगवा गमछा पहने दिख रहे हैं। इस फोटो से फिर कयास लग रहे हैं कि वह जल्द ही भाजपा में जा सकते हैं।  हार्दिक पटेल ने वॉट्सऐप और टेलीग्राम की डिस्पले फोटो बदली है। वॉट्सऐप पर लगाई गई उनकी नई तस्‍वीर से कयासों का बाजार गर्म है। 



कांग्रेस की आलोचना करने के बाद हार्दिक ने भाजपा की तारीफ की
इससे पहले अपनी पार्टी की आलोचना करने के कुछ ही दिनों बाद गुजरात में कांग्रेस के नेता हार्दिक पटेल ने ‘फैसला लेने की क्षमता' के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की तारीफ की और कहा कि विपक्षी दल (कांग्रेस) की प्रदेश इकाई नेतृत्व में इसका (निर्णय लेने की क्षमता का) अभाव है। कांग्रेस की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष पटेल ने यह भी कहा कि उन्हें ‘‘हिन्दू होने पर गर्व है।'' हालांकि, उन्होंने इन अटकलों को खारिज किर दिया कि वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें ऐसा फैसला लेना भी पड़ा तो वह इस विषय को ‘खुले दिल से' लोगों के समक्ष ले जाएंगे। 

गुजरात में इस साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनावों से पहले पाटीदार नेता नरेश पटेल को पार्टी में शामिल करने के कांग्रेस के प्रयासों से हार्दिक नाराज हैं और उनका मानना है कि अगर नरेश पार्टी में शामिल होते हैं तो पाटीदार समुदाय के नेता के रूप में उनका (हार्दिक का) प्रभाव खत्म हो जाएगा। ‘कामकाज की शैली' को लेकर कांग्रेस की आलोचना करने के करीब एक सप्ताह बाद हार्दिक ने कहा कि उन्होंने अपने विचार से पार्टी आलाकमान को अवगत करा दिया है और उन्हें उम्मीद है कि राज्य के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाएगा। 

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए हार्दिक पटेल
पिछले लोकसभा चुनाव (2019) से पहले कांग्रेस में शामिल हुए हार्दिक पटेल ने कहा, ‘‘हमें यह मानना होगा कि भाजपा द्वारा हाल में लिए गए राजनीतिक फैसले दिखाते हैं कि उसके पास राजनीतिक निर्णय लेने की बेहतर क्षमता है। मेरा मानना है कि इसकी तारीफ किए बगैर भी हम कम से कम इस सच्चाई को स्वीकार कर सकते हैं। अगर कांग्रेस मजबूत बनना चाहती है तो उसे निर्णय लेने की अपनी क्षमता बढ़ानी होगी।'' हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उनके कांग्रेस छोड़ने (या भाजपा में शामिल होने) का सवाल ही पैदा नहीं होता है।

उन्होंने भाजपा में शामिल होने की अटकलों को आधारहीन बताया। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ सच बोल रहे हैं और पार्टी के हजारों कार्यकर्ता भी इससे इत्तेफाक रखेंगे कि कांग्रेस की प्रदेश इकाई में निर्णय लेने की क्षमता का अभाव है। हार्दिक ने कहा, ‘‘मैं किसी व्यक्ति से नाराज नहीं हूं, बल्कि राज्य इकाई के नेतृत्व से नाराज हूं। मुझे नहीं दिख रहा है कि वह राज्य की भलाई के लिए अपनी जिम्मेदरियां निभा रहे हैं...जब कोई सच बोलता है तो लोग (पार्टी के भीतर) इसे अलग चश्मे से देखने लगते हैं... जैसे कि वह व्यक्ति पार्टी छोड़ने की सोच रहा हो।'' 
 

Anil dev

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