अदालत ने राव के समर्पण करने की तारीख बढ़ाई और पूछा, कोविड के बढ़ते मामलों के बीच कैसे भेजा जा सकता है जेल?

Friday, Jan 07, 2022 - 01:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बंबई उच्च न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले के आरोपियों में से एक कवि वरवर राव की महाराष्ट्र के तालोजा जेल के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण की तारीख शुक्रवार को पांच फरवरी तक के लिये बढ़ा दी। राव फिलहाल चिकित्सा कारणों से जमानत पर हैं। न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की एक पीठ ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के आत्मसमर्पण की तारीख को सिर्फ एक हफ्ते तक बढ़ाने के अनुरोध अस्वीकार कर दिया। पीठ ने कहा कि उसकी राय में राज्य भर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर 83 वर्षीय कवि-सामाजिक कार्यकर्ता को जेल भेजना उचित नहीं होगा। 

नवी मुंबई की तालोजा जेल में विचाराधीन कैदी के तौर पर बंद राव को न्यायमूर्ति शिंदे की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की एक दूसरी पीठ ने फरवरी 2021 में छह महीनों के लिये अस्थायी तौर पर चिकित्सा जमानत दी थी। उस समय उन्हें कई बीमारियों के उपचार के लिये मुंबई में निजी नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। राव के आत्मसमर्पण करने की तारीख पांच सितंबर 2021 थी लेकिन उन्होंने अधिवक्ता आर सत्यनारायण और वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर के जरिये एक नई याचिका दायर कर चिकित्सा जमानत बढ़ाने का अनुरोध किया था। इसके बाद से राव के आत्मसमर्पण की तारीख उच्च न्यायालय ने कई बार बढ़ाई है, जिसमें मामले की जांच कर रहे एनआईए द्वारा नई याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने और बुजुर्ग आरोपी की फिर से चिकित्सीय जांच कराने के लिये मांगा गया समय भी शामिल है। 

एनआईए, हालांकि, राव की चिकित्सा जमानत के विस्तार का विरोध करते हुए कह रही है कि नानावती अस्पताल में उनका इलाज अब पूरा हो गया है और वहां के डॉक्टरों के अनुसार उन्हें वर्तमान में निजी अस्पताल में चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता नहीं है। एनआईए के वकील संदेश पाटिल ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय को बताया कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह को मामले में जानकारी नहीं दी गई थी और प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा। इस पर न्यायाधीश ने पूछा, “पाटिल अगले सप्ताह (सुनवाई के लिए याचिका) रखने का कोई मतलब नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि तीसरी लहर (कोरोनावायरस की) 50 से 60 दिनों तक चल सकती है। इस बार, पुलिस, स्वास्थ्य कर्मी जांच में बहुत तेजी से संक्रमित पाए जा रहे हैं। 

पिछली बार स्थिति उतनी खराब नहीं थी। तो ऐसे में क्या उन्हें (राव को) वापस जेल भेजना उचित है?” उन्होंने अदालत से एक सप्ताह के समय में सुनवाई की अगली तारीख देने का आग्रह किया। पीठ ने हालांकि कहा कि कोरोनोवायरस महामारी को देखते हुए मामले में अगले सप्ताह सुनवाई के लिए तारीख देने और राव के आत्मसमर्पण की तारीख को तब तक बढ़ाने का कोई मतलब नहीं है। हालांकि ग्रोवर ने कहा कि तेलुगु कवि ने मामले में स्थायी जमानत देने के लिए एक नयी याचिका भी दायर की है। इसके बाद न्यायमूर्ति शिंदे और न्यायमूर्ति बोरकर की पीठ ने शुक्रवार को कहा कि वह चार फरवरी को राव की नई याचिका सहित उठाए गए सभी तर्कों पर विचार करेगी। और इसके अनुसार उसने राव के आत्मसमर्पण की तारीख पांच फरवरी तक बढ़ा दी।

Anil dev

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