दिल्ली के डिप्टी CM का बचाव करते CM केजरीवाल बोले- हम भगत सिंह की, वो सावरकर की औलाद

Friday, Jul 22, 2022 - 03:40 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दावा किया कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा ‘‘झूठे मामले'' में फंसाया जा रहा है और उन्हें कुछ दिनों में गिरफ्तार भी किया जाएगा। केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह सिसोदिया को 22 साल से जानते हैं और वह एक ‘‘ बेहद ईमानदार '' व्यक्ति हैं।



केजरीवाल ने कहा, जेल से हमें डर नहीं लगता। हम भगत सिंह की औलाद हैं। तुम लोग सावरकर की औलाद हो, सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी। हम भगत सिंह को आदर्श मानते हैं, हमें जेल और फांसी से डर नहीं लगता। हम कई बार जेल हो आए। आप हमारे पीछे क्यों पड़े हैं। हमारे कई विधायकों को जेल में डाला गया, लेकिन सबी विधायक जेल से छूट कर बाहर आ गए। ”केंद्र सरकार जानबूझकर दिल्ली सरकार के कामों में टांग अड़ा रही है। केंद्र की मोदी सरकार आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता से घबराई हुई है केजरीवाल ने आगे कहा कि  ये लोग आम आदमी पार्टी के पीछे हाथ धोकर क्यों पड़े हैं, यह सोचने की बात है। उन्होंने पहले भी केस किए गए, लेकिन सब छूट कर आ गए। पहले सत्येंद्र जैन कोई उन्हें गिरफ्तार किया और मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करने जा रहे हैं। 



उल्लेखनीय है कि दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के कथित उल्लंघन तथा प्रक्रियागत खामियों को लेकर इसकी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की सिफारिश की है। सिसोदिया दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग के प्रमुख हैं। केजरीवाल ने कहा, ‘‘ मुझे पता चला है कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ मामले को सीबीआई के पास भेजा गया है और वे उन्हें कुछ दिनों में गिरफ्तार करने वाले हैं। इसमें लेशमात्र भी सच्चाई नहीं है।'' 

उन्होंने कहा, ‘‘ अदालत के समक्ष यह मामला टिक नहीं पाएगा। मनीष बेहद ईमानदार व्यक्ति हैं और वह पाक साफ साबित होंगे।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता जेल जाने से नहीं डरते, क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि दिल्ली के मुख्य सचिव की इस महीने की शुरुआत में सौंपी गयी रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गयी है। 

इस रिपोर्ट से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम 1991, व्यापारिक लेनदेन की नियमावली-1993, दिल्ली आबकारी अधिनियम 2009 और दिल्ली आबकारी नियम 2010 के उल्लंघनों का प्रथम दृष्टया पता चलता है। सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल को ‘‘शीर्ष राजनीतिक स्तर पर वित्तीय रियायतें'' दिए जाने के ‘‘ठोस संकेत'' मिले हैं, जिसमें आबकारी मंत्री ने ‘‘वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन कर प्रमुख फैसले लिए, उन्हें लागू किया'' और आबकारी नीति अधिसूचित की, जिसके ‘‘व्यापक वित्तीय असर'' पड़े। 

Anil dev

Advertising