बीजेपी में घमासान: घोष-विजयवर्गीय की आलोचना पर तथागत रॉय पर गिरेगी गाज? हाईकमान ने दिल्ली बुलाया

Friday, May 07, 2021 - 12:50 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भाजपा नेता तथागत रॉय ने कहा कि उनकी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें जल्द ही दिल्ली बुलाया है। रॉय ने एक दिन पहले ही भाजपा के निर्णय लेने वालों द्वारा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले उठाये गए कुछ कदमों की आलोचना की थी। भाजपा ने पश्विम बंगाल के हाल में सम्पन्न चुनाव में मात्र 77 सीटों पर दर्ज की थी जबकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने 213 सीटों पर जीत दर्ज की है। भाजपा ने 200 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया था। दो पूर्वोत्तर राज्यों-त्रिपुरा और मेघालय के पूर्व गवर्नर रॉय ने ट्वीट किया, मुझे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा शीघ्र दिल्ली आने के लिए कहा गया है। यह सामान्य जानकारी के लिए है।

 रॉय ने बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत के दौरान दावा किया था कि विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी से अवांछित तत्वों को भाजपा में शामिल किया गया था और ऐसे नेताओं को राज्य में चुनाव प्रचार में शामिल किया गया जिन्हें बंगाली संस्कृति और विरासत के बारे में कोई जानकारी या समझ नहीं थी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, अपनी गहरी निराशा के समय में मैं अपने प्रेरणा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीन दयाल उपाध्याय के बारे में सोचता हूं। उन्होंने कैसे मुश्किल का सामना किया था और उसकी तुलना अपनी पीड़ा से करता हूं.....ऐसे विचार, ऐसे कष्ट व्यर्थ नहीं जाएंगे। कभी नहीं।

उन्होंने प्रदेश भाजपा नेताओं और बंगाल प्रदेश भाजपा इकाई के प्रमुख पर निशाना साधते हुए कहा, कैलाश-दिलीप-शिव-अरविंद (केडीएसए) ने हमारे सम्मानित प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का नाम मिट्टी में मिला दिया और दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के नाम पर धब्बा लगाया है। हेस्टिंग्स अग्रवाल भवन (पश्चिम बंगाल भाजपा का चुनाव मुख्यालय) में बैठे हैं । अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए जाने जाने वाले रॉय ने इससे पहले मंगलवार को कहा था कि भाजपा में शामिल अभिनय जगत से जुड़ी तीन महिला सदस्य बड़े अंतर से हार गईं और वे राजनीतिक रूप से मूर्ख हैं। उन्होंने कहा, इन महिलाओं में कौन से महान गुण थे? कैलाश विजयवर्गीय, दिलीप घोष एंड कंपनी को जवाब देना चाहिए। इस पर तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर चुनाव जीतने वाले अभिनेता कंचन मलिक ने कहा, यह उनके (अभिनेता से नेता बने) लिए अपमानजनक है, भले ही वे मेरी प्रतिद्वंद्वी पार्टी से हैं।

Anil dev

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