ऑस्ट्रेलिया में लाखों लोगों को मिल सकता है जॉब का मौका, कामगारों की कमी के कारण वीजा नियमों में ढील

Friday, Jan 21, 2022 - 11:11 AM (IST)

नेशनल डेस्क: ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वायरस महामारी के कारण कामगारों की कमी हो गई है। इसी से निपटने के लिए अब ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने घोषणा की है वो छात्रों और बैकपैकर्स के लिए वीजा में छूट देगी। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया में अगर कोई स्टूडेंट या वर्किंग हॉलिडे वीजा पर ऑस्ट्रेलिया में दाखिल होता है तो उसे एप्लीकेशन की फीस पर छूट मिलेगी। मॉरिसन ने कहा कि वो उम्मीद करते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में आने वाले लोगों की मदद से ऑस्ट्रेलिया में खासतौर से हॉस्पिटैलिटी और कृषि  क्षेत्र में कामगारों की बेहद कमी से निपटा जा सकेगा।

दबाव में है ऑस्ट्रेलिया की अर्थव्यवस्था
कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट फैलने के बाद हाल ही के महीनों में ऑस्ट्रेलिया की अर्थव्यवस्था और भी दबाव में आ गई है। ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक मॉरिसन ने कैनबरा की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मेरा संदेश उनके लिए यह है कि 'आ जाइए, अभी आ जाइए"। कोरोना फैलने के डर से कर्मचारियों को अलग करना पड़ा तो इससे देश में सप्लाई की कमी हो गई है। इससे कुछ सुपरमार्केट्स की दराजें खाली पड़ी हैं। कई फूड और लॉजिस्टिक कंपनियों ने बताया है कि हर दिन उनके लगभग 10 से 50 फीसदी कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं।

175,000 लोगों के अप्लाई करने की उम्मीद
हालांकि मॉरिसन ने यह नहीं बताया कि वीजा पर कितनी छूट दी जाएगी लेकिन उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए यह अगले आठ हफ्तों तक जारी रहेगी जबकि वर्किंग वीजा होल्डर्स के लिए यह 12 हफ्तों तक रहेगी। इस नीति के कारण ऑस्ट्रेलिया पर लगभग 39.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का भार पड़ेगा। ट्रेजरर जोश फ्रायडेनबर्ग का कहना है कि सरकार को उम्मीद है कि इसके लिए लगभग 175,000 लोग अप्लाई करेंगे। कोरोना की ताजा लहर से पहले नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में खाली पदों की संख्या तीन महीनों में 18.5 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर करीब 400,000 पहुंच गई थी। पिछले दो महीनों में बढ़ने के बाद नवंबर में घटकर बेरोजगारी दर 4.6 फीसदी रह गई थी।

विदेशी कर्मचारियों पर ज्यादा निर्भर है ऑस्ट्रेलिया
विपक्षी लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बानीज ने एक लेख में कहा कि ऑस्ट्रेलिया विदेशी कर्मचारियों पर जरूरत से ज्यादा निर्भर करता है। अल्बानीज ने कहा कि अगर अर्थव्यवस्था को महामारी के प्रभाव के बाद ठीक करना है तो मॉरिसन सरकार को कौशल की कमी पूरी करनी होगी। उन्होंने कहा कि लंबे समय के लिए इसका उपाय हमारी कर्मचारियों की जरूरत को पूरा करने के लिए अधिक ऑस्ट्रेलियाई लोगों को प्रशिक्षित करना है। यह सामान्य नहीं है कि एक तरफ हमारे पास कौशल की कमी है तो दूसरी तरफ दो मिलियन ऑस्ट्रेलियाई या तो बेरोजगार हैं या फिर कम पैसों पर काम कर रहे हैं। मॉरिसन ने कहा कि दूसरे पश्चिमी देशों की तुलना में ऑस्ट्रेलिया कोविड 19 से निपटने में ऊंची वैक्सीनेशन दरों और मौतों की कम संख्या के साथ बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।

Anil dev

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