स्वास्थ्य मंत्री ने बताया भारत में कब आएगी कोरोना वैक्सीन, सबसे पहले किन्हें लगेगी?

Monday, Nov 23, 2020 - 11:48 AM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली में कोरोना वायरस का प्रकोप इतना भयावह है कि पिछले छह दिनों में यह 678 मरीजों की जान ले चुका है।  इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि पूरी दुनिया में 250 कोरोना वैक्सीन कंपनी हैं। इनमें से 30 की नजर भारत पर है. देश में पांच वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। 2021 के पहले तीन महीने में हमें वैक्सीन मिलेगी। सितंबर तक 25 से 30 करोड़ भारतीयों को वैक्सीन दी जाएगी। कोविड-19 टीका वितरण में प्राथमिकता दिया जाना स्वाभाविक है और जब कोई टीका उपलब्ध होगा तो सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों व 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वरीयता दी जाएगी। कोविड के दौरान और उसके बाद बदले स्वास्थ्य प्रतिमान विषयक वेबिनार में हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 टीका अगले कुछ महीनों में उपलब्ध होगा और उम्मीद है कि अगले साल जुलाई-अगस्त तक 25-30 करोड़ लोगों के लिए 40-50 करोड़ खुराक उपलब्ध होंगी। 

उन्होंने कहा, यह स्वाभाविक है कि टीका वितरण में प्राथमिकता दी जाएगी। जैसा कि आप जानते हैं कि स्वास्थ्य कर्मी, जो कोरोना योद्धा हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी, फिर 65 साल से अधिक आयु के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। फिर 50-65 साल की आयु वाले लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। हर्षवर्धन ने कहा, उसके बाद 50 साल से कम उम्र के लोग जिन्हें अन्य बीमारियां हैं। यह विशेषज्ञों द्वारा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से निर्धारित किया जा रहा है। हमने इस बारे में विस्तृत, सावधानीपूर्वक योजना बनायी है। अगले साल मार्च-अप्रैल में हमें क्या करना है, हमने अभी से ही इसकी योजना बनानी शुरू कर दी है।उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति इस घातक वायरस से छोटी-छोटी सावधानियां जैसे अच्छी गुणवत्ता का मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और हाथों की सफाई से बचाव कर सकता है।

 



कोरोना वायरस का विकराल रुप धारण कर चुकी दिल्ली पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा है कि राज्य सरकार के साथ लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वह कोरोना को नियंत्रित करने में सहयोग करे और कुछ पढ़े-लिखे लोगों की लापरवाही के कारण पूरे दिल्लीवासियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। दिल्ली में कोरोना वायरस का प्रकोप इतना भयावह है कि पिछले छह दिनों में यह 678 मरीजों की जान ले चुका है।  डा. हर्षवर्धन ने सोमवार को एक चैनल से बातचीत में कहा दिल्ली में बढ़ रहे कोरोना के खतरे पर राजधानी की हालत को नियंत्रण में लाने के लिए केंद्र ने दो बार दखल दिया था । राज्य सरकार को बकायदा सभी तरह की जानकारी दी गई । इसका नतीजा रहा है कि कोरोना का खतरा कम हुआ। अब दोबारा से हमने दखल दिया है और कोरोना जांच बढ़ाने पर जोर है। हर्षवर्धन ने कहा कि कुछ शहरों में कोरोना के हालात चिंताजनक हैं। पिछले दिनों में कोरोना के मामले बढ़े हैं। हमने लोगों को आगाह किया था। बेसिक प्रोटोकॉल को फॉलो करने का निर्देश दिया गया है। पहला मामला 30 जनवरी को आया था । इसके बाद हमने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की। हमारी टीम हर जगह जा रही है।       



उन्होंने कहा कि दिल्ली में सरकार के साथ लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वह कोरोना को नियंत्रित करें। कुछ पढ़े-लिखे लोगों की लापरवाही के कारण दिल्लीवासियों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। आरटी पीसीआर की क्षमता को बढ़ाया गया है। मोबाइल टेस्टिंग वैन की शुरुआत की जा रही है। हम जो कुछ भी कर सकते थे, वो कर रहे हैं।  हर्षवर्धन ने कहा कि टेस्ट और ट्रेसिंग से कोरोना को रोका जा सकता है। तुरंत ही ट्रेसिंग की जरूरत है । वायरस के अधिक फैलाव वाली जगहों पर जांच की जानी चाहिए । दिल्ली में प्रदूषण भी सबसे बड़ी समस्या है । मैंने पहले ही लोगों को आगाह कर दिया था। कई राज्यों में समस्या कम हो गई है। हम सभी सरकारों के संपकर् में हैं।  दिल्ली में कोरोना से 6 दिनों में कुल 678 मौत हो चुकी है। राजधानी में 17 नवंबर को 99 मौतें हुई थीं। यह संख्या 18 नवंबर को 131 पर पहुंच गई। यह संख्या एक दिन में दिल्ली में कोरोना से होने वाली सर्वाधिक है। इसके बाद 19 नवंबर को 98, 20 नवंबर को 118 , 21 नवंबर को 111 और 22 नवंबर को 121 मरीजों ने वायरस से दम तोड़ा।

Anil dev

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