कोरोना का कहर: स्टडी में हुआ बच्चों को लेकर चौंकाने वाला खुलासा

Tuesday, Nov 17, 2020 - 11:11 AM (IST)

नेशनल डेस्क: कोरोना वायरस को लेकर जहां एक तरफ पूरे देश में डर का माहौल है वहीं एक शोध में पता चला है कि वयस्कों की तुलना में उपन्यास कोरोनावायरस रोग (कोविड -19) के प्रति बच्चों की एक अलग प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होती है। 



दरअसल विशेषज्ञों ने पाया कि प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार सामान्य सर्दी के संक्रमण के दौरान एक प्रकार के एंटीबॉडी विकसित करता है जो उन्हें रोग के खिलाफ सुरक्षा की डिग्री दे सकता है। उन्होंने 300 से अधिक वयस्कों और 48 बच्चों के रक्त के नमूनों का आकलन किया और इसकी तुलना उन 170 लोगों के नमूनों से की, जो वायरल बीमारी से संक्रमित हैं। निष्कर्षों से पता चला कि कई बच्चों ने एक विशेष प्रकार के एंटीबॉडी को चलाया जो उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कोविड -19 संक्रमण को रोकने में मदद कर रहे हैं। शोध में सामने आया कि 43 फीसदी बच्चों की तुलना में केवल पांच फीसदी वयस्कों में ही ये एंटीबॉडीज होती हैं। इसका नेतृत्व जॉर्ज कैसियोटिस द्वारा किया जा रहा है, जो फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट में रेट्रोवायरल इम्यूनोलॉजी प्रयोगशाला का नेतृत्व करता है।

कोरोना वायरस: संक्रमण के नए मामलों में आई गिरावट
वहीं आपको बतां दे कि  भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सामने आने वाले नए मामलों की संख्या चार महीने बाद 30,000 से नीचे रही और इसके साथ ही भारत में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 88.74 लाख हो गई, हालांकि इनमें से स्वस्थ हो चुके लोगों की संख्या बढ़कर 82,90,370 हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को अद्यतन आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। इससे पहले संक्रमण के एक दिन में सामने आए नए मामलों की संख्या 15 जुलाई को 30,000 से नीचे रही थी। उस समय नए मामलों की संख्या 29,429 दर्ज की गई थी। मंत्रालय के सुबह आठ बजे के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार एक दिन में कोविड-19 के 29,163 मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 88,74,290 हो गई है तथा 449 और लोगों की मौत हो जाने के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,30,519  हो गई। आंकड़ों के अनुसार, देश में लगातार सातवें दिन उपचाराधीन संक्रमित लोगों की संख्या पांच लाख से नीचे रही। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मामले 4,53,401 हैं जो कि संक्रमण के कुल मामलों का 5.11 प्रतिशत है।


 

Anil dev

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