नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस ने परिसीमन आयोग से भेंट की, निष्पक्ष तरीके से कवायद का आग्रह किया

Tuesday, Jul 06, 2021 - 10:29 PM (IST)

श्रीनगर : नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने परिसीमन आयोग से मंगलवार को मुलाकात की और जम्मू कश्मीर में निर्वाचन क्षेत्रों के स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से पुनर्गठन की कवायद करने का आग्रह किया ताकि केंद्र शासित प्रदेश की एकता और अखंडता की रक्षा की जा सके। दोनों दलों ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाले आयोग को अलग-अलग ज्ञापन सौंपकर कवायद से संबंधित अपनी चिंताओं और मांगों को रेखांकित किया और कहा कि इसे जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिए जाने के बाद ही किया जाए।

 

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी एक ज्ञापन दिया, जिसमें परिसीमन के संवैधानिक पहलुओं और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून, २०१९ को कानूनी चुनौती पर प्रकाश डाला गया। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि परिसीमन कवायद तब तक नहीं की जानी चाहिए जब तक कि उच्चतम न्यायालय जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून २०१९ की संवैधानिक वैधता और अन्य संबंधित आदेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला ना कर ले। 

 

आयोग से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता नासिर वानी ने कहा कि पार्टी ने आयोग को बताया कि लोगों का संस्थानों में च्भरोसा खत्म हो गया है' और यह आयोग का काम है कि वह इस भरोसे को बहाल करने की कोशिश करे।

 

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने अपने ज्ञापन में कहा कि यदि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने से पहले परिसीमन प्रक्रिया होती है तो यह कवायद च्निरर्थकज हो जाएगी। पार्टी ने कहा कि भारतीय संविधान के चारों स्तंभों के भीतर अपनी लोकतांत्रिक नींव निर्धारित करने के लिए लद्दाख के लोगों की आकांक्षा का गंभीरता से सम्मान किया जाना चाहिए। पार्टी ने यह भी सुझाव दिया कि परिसीमन आयोग ने अगर कोई मसौदा प्रस्ताव तैयार किया है तो उस पर सुझाव देने और आपत्तियां प्रस्तुत करने के लिए सभी राजनीतिक दलों के बीच बांटना चाहिए।

 

माकपा ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में 2011 की जनगणना को परिसीमन कवायद के लिए मार्गदर्शक प्रारूप के रूप में लिया जाना चाहिए।


 

Monika Jamwal

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