वैलेंटाइन वीक में इस दिन मनाया जाता है नेशनल कंडोम डे

punjabkesari.in Monday, Feb 03, 2025 - 01:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हमारे समाज में कुछ ऐसे विषय होते हैं, जिनके बारे में लोग खुले तौर पर बात नहीं करना चाहते, और कंडोम भी उन्हीं में से एक है। भारत में लोग अक्सर मेडिकल स्टोर पर कंडोम खरीदते वक्त झिजकते हैं, जैसे वह कोई ग़लत चीज खरीद रहे हों। इस सामाजिक रूढ़िवादिता के बावजूद, कंडोम एक बेहद जरूरी चीज बन चुकी है, जो न केवल यौन संक्रामक बीमारियों से बचाव करती है, बल्कि अनचाहे गर्भधारण से भी बचाती है। यही कारण है कि हर साल 14 फरवरी को नेशनल कंडोम डे मनाया जाता है, ताकि लोग इसके महत्व को समझें और सुरक्षित यौन संबंधों के प्रति जागरूक हों।

14 फरवरी को क्यों मनाया जाता है नेशनल कंडोम डे?

दुनिया भर में जहां 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है, वही इस दिन को नेशनल कंडोम डे के रूप में भी मनाया जाता है। यह दिन खास तौर पर यौन संबंधों के दौरान सुरक्षा की आवश्यकता और कंडोम के उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि यौन स्वास्थ्य के लिए कंडोम कितना महत्वपूर्ण है और यह कई खतरनाक यौन संक्रामक बीमारियों से बचाव में मदद करता है।

नेशनल कंडोम डे की शुरुआत कब हुई?

नेशनल कंडोम डे की शुरुआत 2013 में एड्स हेल्थकेयर फ़ाउंडेशन द्वारा की गई थी। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को कंडोम के महत्व के बारे में जागरूक करना था। खासकर युवाओं को यह समझाना कि अनचाहे गर्भधारण और यौन संक्रामक बीमारियों से बचने के लिए कंडोम का उपयोग अत्यंत आवश्यक है।

कंडोम का महत्व

कंडोम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह एड्स, गोनोरिया, सिफलिस और अन्य यौन संक्रामक बीमारियों से बचाव करता है। इसके अलावा, यह अनचाहे गर्भधारण से बचाने का एक बेहतरीन तरीका है। इसके सही और नियमित इस्तेमाल से लोग अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं। हालांकि, भारत में इस विषय पर खुलकर बात नहीं होती, फिर भी यह हम सभी के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण वस्तु बन चुकी है, खासकर परिवार नियोजन और यौन स्वास्थ्य के संदर्भ में।

जागरूकता फैलाने की जरूरत

भारत जैसे देश में जहां इस विषय पर खुलकर चर्चा नहीं की जाती, ऐसे में नेशनल कंडोम डे एक महत्वपूर्ण कदम साबित होता है। यह दिन न केवल यौन संक्रामक बीमारियों से बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी देने का अवसर है, बल्कि यह लोगों को यह समझाने का भी मौका है कि सुरक्षित यौन संबंध केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

 

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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