ISRO ने सीतमपोंडी और कुन्नामलाई गांव की मिट्टी से बनाई थी चांद की धरती, बचाए 25 करोड़
Saturday, Sep 07, 2019 - 09:35 AM (IST)
नई दिल्ली: चंद्रयान-2 का सफर तमिलनाडु के 2 गांवों से जुड़ा हुआ है। इस गांव की मिट्टी के इस्तेमाल से ही निश्चित हुआ था कि चंद्रयान-2 की लैंडिग चांद पर सुरक्षित होगी या नहीं। तमिलनाडु के इन 2 गांवों का नाम सीतमपोंडी और कुन्नामलाई है। दरअसल इन गांवों में पाई जाने वाली मिट्टी-पत्थर चांद की सतह पर मौजूद मिट्टी-पत्थर से मिलती-जुलती है। वैज्ञानिकों ने चांद के साऊथ पोल के अध्ययन के लिए यहां की मिट्टी का बेंगलूर की प्रयोगशाला में परीक्षण किया था।
इसरो ने लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को सफलतापूर्वक चांद पर उतारने के लिए आर्टीफिशियल चांद की सतह तैयार की थी। यानी इन गांवों की मिट्टी का इस्तेमाल आर्टीफिशियल चांद की सतह बनाने में किया गया था। वहीं अमरीका से चांद की तरह दिखने वाली मिट्टी का आयात करना महंगा पड़ रहा था जिसके बाद इसरो ने इसका सस्ता रास्ता निकाला। इसरो ने एक स्थानीय समाधान की तलाश की जिसमें लगभग 60-70 टन मिट्टी की जरूरत थी। इसके बाद कई भू-वैज्ञानिकों ने इसरो को बताया था कि तमिलनाडु में सलेम के पास ‘एरोथोसाइट’ चट्टानें थीं जो चंद्रमा की मिट्टी की तरह होंगी। इसरो के पूर्व निदेशक एम. अन्नादुरई ने बताया कि शुरूआत में 25 करोड़ रुपए का बजट बनाया गया था लेकिन इसमें कोई खर्चा नहीं हुआ क्योंकि सॢवस प्रोवाइडर्स ने हमसे कोई चार्ज नहीं लिया था।
इसरो ने की मजाकिया टिप्पणी
चंद्रमा की सतह पर शनिवार तड़के बेहद जटिल मानी जा रही मॉड्यूल ‘विक्रम’ की लैंडिंग से पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ऑॢबटर, लैंडर और रोवर प्रज्ञान को लेकर चंद्रयान-2 के संबंधों को हल्के-फुल्के अंदाज में पेश करते हुए ट््िवटर पर कुछ कार्टून सांझा किए हैं। इसरो ने एक ‘‘कॉमिक स्ट्रिप’’ के साथ ट्वीट किया। इसमें ऑॢबटर ने लैंडर ‘विक्रम’ से कहा कि 2 सितम्बर को अलग होने के पहले उसके साथ रहने में मजा आया। ऑॢबटर ने लैंडर से कहा, ‘‘विक्रम, आपके साथ अब तक का सफर बहुत अच्छा रहा।’’ इस पर विक्रम ने भी उसी समान उत्साह से कहा, ‘‘वास्तव में काफी अच्छी यात्रा रही। मैं तुमसे ऑॢबट में मिलूंगा।’’ इसके बाद ऑॢबटर ने ‘विक्रम’ को आगे के सफर के लिए शुभकामनाएं दीं। इसरो ने भी दोनों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि वह ‘विक्रम’ और ‘प्रज्ञान’ के संपर्क में रहेगा।