मोदी V/S केजरीवाल की रणनीति बना रही BJP

Friday, Nov 08, 2019 - 10:50 AM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों को भाजपा ने एक बार फिर से मोदी वर्सेज केजरीवाल बनाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अनधिकृत कॉलोनियों व आरडब्ल्यूए के प्रधानों के साथ खास मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि कॉलोनियों के प्रधान नियमितिकरण मुद्दे पर मोदी सरकार के कदम का आभार व्यक्त करेंगे। इससे साफ जाहिर है कि विधानसभा चुनाव में अनधिकृत कॉलोनियों के नियमित होने का मामला पूरी तरह से छाया रहेगाा। इसमें कौन बाजी मारेगा, यह वक्त ही बताएगा। लेकिन भाजपा को यकीं है कि कॉलोनियों के नियमितिकरण के मुद्दे पर वह दिल्ली में इक्कीस वर्षों से चला रहा सत्ता का वनवास इस बार समाप्त हो जाएगा। 



कॉलोनियों के प्रधानों की इस खास बैठक में प्रधानमंत्री के साथ ही केंद्रीय मंत्री व दिल्ली के चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर, मंत्री व सह प्रभारी हरदीप सिंह पुरी व दिल्ली के सभी सांसद, नेता विपक्ष व पार्टी महामंत्री सहित कुछ अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे। उल्लेखनीय है कि अनधिकृत कॉलोनियों का मसला सीधे तौर पर दिल्ली के चालीस लाख वोटरों से जुड़ा हुआ है और भाजपा पूरी तरह से अब इन वोटरों को साधने के लिए सभी तरीके को आजमाने में जुट गई है। क्योंकि इन कॉलोनियों में रहने वाले वोटरों को अब तक कांग्रेस और आप के पक्षधर माना जाता रहा है। ऐसे में इस बार भाजपा अपने इस पैंतरे से आप के वोटरों को पूरी तरह से अपने पाले में लाने की भरपूर कोशिश में लग गई है। वैसे भी यह मामला कई दशकों से अधर में लटका रहा है। गत कांग्रेस सरकार ने भी इन कॉलोनियों को नियमित करने के लिए कई बार घोषणा की थी, लेकिन उस योजना को अमली जामा नहीं पहनाया गया था। 




इसे लेकर कॉलोनियों में रहने वाले 8 लाख से अधिक लोगों में रोष व्याप्त था और वह तभी से भाजपा नेताओं के साथ बैठक करके इस मुद्दे को उठाते रहे थे कि भाजपा की केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार है, ऐसे में इन कॉलोनियों को अब नियमित कर दिया जाए। बताया जाता है कि बैठक में प्रधानमंत्री की ओर से कॉलोनियों को लेकर भाजपा नेताओं को जहां नए दिशा-निर्देश दिए जाएंगे, वहीं प्रधानों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद भी अदा किया जाएगा। 

 

अनधिकृत कॉलोनियां

  • 1797 कॉलोनियां
  • करीब 60 लाख से अधिक लोग रहते हैं
  • लगभग चालीस लाख वोटर हैं इन कॉलोनियों में
  • फिलहाल 69 कॉलोनियों को रखा है नियमितिकरण के  दायरे से बाहर
  • संसद के शीतकालीन सत्र में ही नियमितिकरण के बिल पर लगेगी मुहर

Anil dev

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