देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने आम जनता को दिया न्यू ईयर गिफ्ट

Saturday, Dec 31, 2016 - 10:07 PM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि देशवासियों के धैर्य से शुद्धि यज्ञ चला। प्रधानमंत्री ने इस दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नए घर देने के लिए 2 नई स्कीमों का तोहफा दिया। 

UPDATE:
- गर्भवती महिलाओंं के लिए 650 से ज्यादा जिलों के अस्पताल में पंजीकरण, डिलीवरी, टीकाकरण के लिए 6000 रुपये की मदद करेगी।
-सीनियर सिटीज़न के खाते में 7.5 लाख तक की रकम पर सालाना 8% ब्याज़ दर फिक्स रहेगी।
-गर्भवती महिलाओं को 6 हजार रुपये की मदद देगी सरकार। 
-अगले तीन महीने में 3 करोड़ किसान क्रेडिट कार्डों को RUPAY कार्ड में बदला जाएगा। 
-जो गांव में अपना घर बनाना चाहते हैं, या विस्तार करना चाहते हैं, उन्हें 2लाख के लोन में 3%ब्याज की छूट।
-प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 9 लाख तक के कर्ज पर 4 फीसदी और 12 लाख तक के कर्ज पर 3 फीसदी छूट दी जाएगी।
-डिस्ट्रिक्ट कॉपरेटिव सेंट्रल बैंक और प्राइमरी सोसायटी से जिन किसानों ने खरीफ-रबी की बुवाई के लिए कर्ज उसके 60 दिन का ब्याज सरकार देगी।
-बैंक कर्मियों ने सरहानिय योगदान दिया और बईमान कर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा।
-कुछ ही घंटों के बाद हम सब 2017 का स्वागत करेंगे।
-दिवाली के बाद की घटना से ये साबित हो चुका है कि देशवासी इस घुटन से बाहर आना चाहते है।
-आम देशवासी देश के अंदरुनी बुराइयों से लड़ाई लड़ रहे हैं।
-जब हम कहते हैं कि- कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी, इस बात को देशवासियों ने जीकर दिखाया है।
-गरीबी से बाहर निकलने को आतुर जिंदगी, भव्य भारत के निर्माण के लिए क्या कुछ नहीं कर सकती।
-काल के कपाल पर अंकित हो चुका है कि जनशक्ति का मतलब क्या होता है?
-कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी, इस बात को देशवासियों ने जीकर दिखाया है।
-देशवासियों ने अपने परिश्रम से उज्ज्वल भविष्य की नींव रखी है।
-देशवासियों ने जो कष्ट झेला है, वह भारत के उज्जवल भविष्य के लिए नागरिकों के त्याग की मिसाल है।
-एक बात मैंने अनुभव की कि आपने मुझे अपना मानकर अपनी बात कही और आपका ये प्यार आशीर्वाद की तरह है।
-भारतीयों ने जो कष्ट सहा, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण बनेगा।
-बड़े नोट कालाबाजारी और गरीबी बढ़ा रहे थे,बड़े नोट गरीबों का हक छीन रहे थे।
-सरकार के पास दर्ज की गई आकंड़ों के मुताबिक सिर्फ 24 लाख लोग ये स्वीकारते हैं कि उनकी सालाना आय 10 लाख रूपये से ज्यादा है।

 

 

 

 

 

 

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