मोदी, केजरीवाल से आगे निकले राहुल गांधी

Friday, Oct 20, 2017 - 01:15 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस प्रमुख बनने से पहले राहुल गांधी अब गंभीर होने लगे हैं। सोशल मीडिया की अहमियत अब उन्हें समझ आने लगी है, यही कारण है कि अब उन्होंने इस प्लेटफार्म को गंभीर से लेना शुरू कर कर दिया है। इसका नतीजा दो तरफा देखने को मिल रहा है। पहला ये कि राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल को अब  नरेंद्र मोदी के ट्विटर हैंडल से अधिक  री-ट्वीट मिल रहे हैं। दूसरा यह है कि यह संभव हो कि कांग्रेस अध्यक्ष बनने के साथ ही उनका ट्वीटर हैेंडल का नाम बदल जाए।

उदाहरण के तौर पर देंखे तो 15 अक्टूबर को राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल से अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के पाकिस्तान से बेहतर रिश्ते पर व्यंग्य किया गया था। ट्वीट था कि मोदी जी जल्दी, लगता है राष्ट्रपति ट्रम्प को एक और झपी चाहिए। राहुल गांधी के ट्वीट को लोंगो ने हांथो हाथ लिया। इस ट्वीट को लगभग 22 हजार से अधिक रिट्वीट मिले। ऐसा पहले कम ही हुआ है कि राहुल को सोशल मीडिया पर गंभीरता से लिया गया हो, इसके पहले तक तो उन्हें मजाकिया लहजे में लिया जाता रहा है। कांग्रेस ने इस मौके को समझा और उनके सोशल मीडिया वॉर रूम पहले से अधिक एक्टिव हो गया है। यह पहली बार है जब प्रशांत किशोर के हटने के बाद कांग्रेस का सोशल मीडिया वॉर रूम पहले की तरह एक्टिव हो गया है।

मोदी, केजरीवाल से आगे निकले राहुल
जिसका नतीजा रहा है कि राहुल गांधी के पक्ष में सोशल मीडिया का रूख हो गया है। बीते सितंबर राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल को ट्विटर पर पीछे छोड़ दिया। राहुल को औसतन 2800 री-ट्वीट मिले जबकि मोदी को 2600 और केजरीवाल को 1800। आश्चर्य की बात यह है कि राहुल गांधी के पक्ष में यह सिलसिला अक्टूबर में भी जारी है और उनके औसत री-ट्वीट की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। अब तक री-ट्वीट की दौड़ में राहुल के हैंडल ने 4 हजार री-ट्वीट हिट किए जो मोदी और केजरीवाल से कहीं आगे हैं।

राहुल गांधी का बदल सकता है ट्विटर हैंडल
सोशल मीडिया की ताकत और अपने पक्ष में झुकाव को देखते हुए राहुल गांधी अब फ्रंट पर आने को तैयार हैं। जानकारी के अनुसार, उनके Office of RG  ट्विटर हैंडल का नाम बदल कर राहुल गांधी हो सकता है। इतना ही नहीं उनके द्वारा किए गए व्यक्तिगत ट्वीट के आगे आर लिखे जाने की संभावना है जबकि ऑफियल पर आर नहीं होगा। हालांकि इस बदलाव पर फिलहाल अभी राहुल की आखिरी मुहर लगना बाकी है। संभावना है कि यह बदलाव उनके पार्टी अध्यक्ष बनने के साथ ही होगा। 

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