नरेंद्र मोदी की अग्नि परीक्षा, तीन सीटों पर बाकी हैं उपचुनाव

Thursday, Mar 15, 2018 - 05:21 PM (IST)

नेशनल डेस्क (आशीष पाण्डेय): यूपी व बि​हार में लोकसभा की तीन सीटों पर करारी हार के बाद अब बीजेपी आलाकमान मंथन के लिए मैराथन बैठक कर रही है। उपचुनावों में लगातार हार से यह तय हो गया कि बीजेपी इसे भेद पाने में सफल होती नहीं दिख रही है। विपक्ष भी इस स्थिति को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। यूपी, बिहार, पंजाब, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में हुए कुल 8 उपचुनावों बीजेपी को लगातार करारी हार हुई। विपक्ष इस हार को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव का ट्रायल बोल रहा है। हालांकि 2019 के पहले बीजेपी के सामने कर्नाटक, मध्यप्रदेश, और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले है। हालांकि उपचुनावों के इतर विधानसभा चुनावों में बीजेपी को लाभ ही हुआ है। लेकिन इन्हीं चुनावों के बीच एक बार फिर महाराष्ट्र के दो और यूपी के कैराना में लोकसभा के उपचुनाव होने हैं। तीनों ही सीट पर  बीजेपी के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। अब अगर बीजेपी फिर से उपचुनावों वाला अपना इतिहास दोहराती है तो इसका ​सीधा असर ​आने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है।

कैराना में हुकुम सिंह का हुआ निधन
यूपी के कैराना लोकसभा सीट से हुकुम सिंह ने बीजपी के टिकट पर 2014 में जीत हासिल की थी। 4 फरवरी 2018 को उनके निधन से इस सीट पर फिर से उपचुनाव होना है। इस सीट पर बीजेपी केवल दो बार 1998 और 2014 में भगवा फहरा सकी थी। 2014 में तो मोदी लहर का लाभ मिला, लेकिन जिस तरह से एक के बाद एक उपचुनावों से बीजेपी अपनी सीट गंवाती जा रही है उससे कैराना की लोकसभा सीट पर खतरा मंडराना तय है। इस सीट पर चौधरी अजीत सिंह की पार्टी का काफी असर दिखता है, हालांकि अजीत सिंह के अलावा किसी पार्टी ने अपना कार्यकाल लगातार नहीं दोहराया है।

महाराष्ट्र के बीजेपी सांसद चिंतामन वनगा का निधन
चिंतामन वनगा महाराष्ट्र के पालघर से लोकसभा सांसद थे। वह 11वीं और 13वीं लोकसभा के भी सदस्य रह चुके थे। 30 जनवरी 2018 को उनके निधन से पालघर सीट के लिए लोकसभा का उपचुनाव होना तय है। 19 फरवरी 2008 को पालघर लोकसभा सीट का निर्माण हुआ था। 2009 में इस सीट से बहुजन विकास अगाडी पार्टी के उम्मीदवार बलीराम जाधव जीते थे, इसके बाद 2014 में बीजेपी के टिकट पर चिंतामन वनगा ने जीत पक्की थी। हालांकि अभी उपचुनावों की घोषणा नहीं की गई है।

बीजेपी के बागी हो गए नाना पटोले ने दिया इस्तीफा
महाराष्ट्र की भंडारा गोंडिया लोकसभा सीट से बीजेपी की टिकट पर संसद पहुंचे नाना पटोले ने दिसंबर 2017 में इस्तीफा दे दिया था। यह सीट भी वर्ष 2008 में बनी थी। वर्ष 2009 में इसी सीट से कांग्रेसी नेता प्रफुल्ल पटेल जीत कर लोकसभा गए। उसके बाद मोदी लहर का फायदा मिला और 2014 में बीजेपी की टिकट पर नाना पटोले को जीत मिली। किसी तरह पार्टी 2 साल गुजारने के बाद नाना ने इस्तीफा तो दिया ही साथ ही बीजेपी से बगावत कर उन्होंने पार्टी आलाकमान पर उन्हें उपेक्षित करने का आरोप भी लगाया था। बीजेपी छोड़ने के बाद उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया। 
 

Advertising