PM मोदी ने दिया छोटे व्यापारियों को दिवाली का तोहफा, 59 मिनट में 1 करोड़ तक लोन होगा पास

Friday, Nov 02, 2018 - 06:29 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के विज्ञान भवन से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए सपोर्ट एंड आउटरीच इनिशिएटिव कार्यक्रम में दिवाली गिफ्ट देते हुए 12 बड़े और ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। पीएम ने पहले फैसले में इन उद्यमों के लिए 59 मिनट में एक करोड़ रुपए तक के लोन की योजना का भी ऐलान किया है। GST पंजीकृत हर MSME को एक करोड़ रुपए तक के नए कर्ज या इन्‍क्रीमेंटल लोन की रकम पर ब्याज में 2 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।




मोदी ने यहां एमएसएमई -सहयोग एवं संपर्क कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए छोटे उद्यमियों को बैंकों तक पहुंचे बगैर एक करोड़ रुपए के ऋण मात्र 59 मिनट में प्रदान करने वाले पोर्टल का भी शुभारंभ किया और कहा कि वह आज इस विशेष आयोजन में लघु उद्योग सेक्टर के लिए सरकार द्वारा लिए गए 12 बड़े फैसलों की घोषणा करेंगे। पिछले कुछ हफ्तों से सरकार के कई मंत्रालय मिलकर इन फैसलों तक पहुंचे हैं। ये 12 फैसले देश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के लिए दीपावली का उपहार तो हैं हीं, देश में छोटे उद्योगों के एक नए युग, एक नए अध्याय की भी शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा कि पहली घोषणा के तहत 59 मिनट में एक करोड़ रुपये तक के ऋण स्वीकृत करने वाला पोर्टल वह लांच कर रहे हैं। इसके जरिये जीएसटी पंजीकृत हर एमएसएमई को एक करोड़ रुपये तक के नए कर्ज या इन्क्रीमेंटल ऋण पर ब्याज में 2 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। अब जीएसटी से जुडऩा और कर भरना एमएसएमई की ताकत बनेगा और याज में 2 प्रतिशत की छूट दिलवाएगा।  सत्य
 

 

  • दूसरी घोषणाः निर्यातकों को Pre-Shipment और Post Shipment की अवधि में जो लोन मिलता है उसकी ब्याज की दर में छूट को भी सरकार ने 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है।
     
  • तीसरी घोषणाः वो सारी कंपनियां जिनका टर्नओवर 500 करोड़ से ऊपर है, उनको अब Trade Receivables e- Discounting System यानि TReDS Platform पर लाना ज़रूरी कर दिया गया है। ताकि MSME’s को कैश फ्लो में दिक्कत न आए।


 

  • चौथी घोषणा: सरकार ने इस 20 प्रतिशत की अनिवार्यता को बढ़ाकर अब 25 प्रतिशत करने का फैसला लिया है। यानि अब सरकारी कंपनियां जितना सामान खरीदती हैं, उसमें अब माइक्रो और स्मॉल इंटरप्राइजेज की हिस्सेदारी और बढ़ने जा रही है।
     
  • पांचवी घोषणाः ये जो माइक्रो और स्मॉल इंटरप्राइजेज द्वारा खरीदारी की अनिवार्यता को बढ़ाया गया है, उसमें ये भी तय किया गया है कि इसमें से कुल खरीद का 3 प्रतिशत, महिला उद्यमियों के लिए आरक्षित हो। यानि सरकारी कंपनियों के लिए अब ये जरूरी हो गया है कि वो अपनी खरीद का कम से कम 3 प्रतिशत महिला उद्यमियों से ही खरीदें।
     
  • छठी घोषणाः अब केंद्र सरकार की सभी कंपनियों के लिए GeM की सदस्यता लेना ज़रूरी कर दिया गया है। इतना ही नहीं वो अपने सभी Vendors-MSME’s को भी इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत कराएंगी, जिससे उनके द्वारा की जा रही खरीद में भी MSMEs को अधिक से अधिक लाभ मिलेगा।
     
  • सातवीं घोषणाः Technological Upgradation के इस महत्वपूर्ण विषय से ही जुड़ी हुई है। सरकार ने फैसला लिया है कि देशभर में टूलरूम की इस व्यवस्था को और विस्तार दिया जाए। इसके लिए देशभर में 20 हब बनाए जाएंगे और Tool Room जैसे 100 स्‍पोक देशभर में स्थापित किए जाएंगे। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए मोदी ने 6 हजार करोड़ रुपए का पैकेज देने की घोषणा की है। 


  • आठवीं घोषणाः फार्मा कंपनियों से जुड़ी हुई है। MSME (Micro, Small and Medium Enterprises) सेक्टर की फार्मा कंपनियों को बिजनेस करने में आसानी हो, वो सीधे ग्राहकों तक पहुंच पाएं, इसके लिए अब क्लस्टर बनाने का फैसला लिया गया है। इन क्लस्टर्स पर 70% खर्च केंद्र सरकार द्वारा किए जाने का भी ऐलान किया गया है।
     
  • नौंवीं घोषणाः 8 श्रम कानूनों और 10 केन्द्रीय नियमों के तहत दिया जाना वाला रिटर्न अब आपको साल में दो बार की जगह एक बार ही देना पड़ेगा।
     
  • 10वीं घोषणाः सरकार, व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए, Human Intervention को कम करने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी से संबंधित है 10वीं घोषणा। अनावश्यक जांच से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार ने ये फैसला किया है कि अब Inspector को कहां जाना है, इसका निर्णय सिर्फ एक Computerized Random Allotment से ही होगा और उसे 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट पोर्टल पर डालनी होगी। अब वो सिर्फ अपनी मर्जी से किसी भी जगह नहीं जा सकता।

 

  • 11वीं घोषणाः Environmental Clearance की प्रक्रियाओं का सरलीकरण और Self Certification को बढ़ावा। सरकार ने फैसला किया है कि वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण कानूनों के तहत MSMEs के लिए इन दोनों को एक करके, अब सिर्फ एक ही Consent अनिवार्य होगा।
     
  • 12वीं घोषणाः सरकार ने कंपनी अधिनियम में बहुत बड़ा बदलाव कर, MSMEs को कानूनी जटिलताओं से राहत दी है। कंपनी अधिनियम में अब तक ऐसे प्रावधान थे, उससे जुड़े ऐसे कानून थे, जिनकी वजह से छोटी-छोटी मामूली गलतियां या अनजाने में कोई उल्लंघन होने पर, आपको क्रिमिनल, गुनहगार मान लिया जाता था। इन गलतियों की वजह से कई बार व्यापारियों के लिए जेल तक जाने की नौबत आ जाती थी। छोटी-छोटी भूल सुधारने के लिए आपको कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ते थे। इस सब में आपका कीमती समय और पैसा दोनों व्यर्थ तो होता ही था, आपके मान-सम्मान को भी ठेस पहुंचती थी। लघु और मध्यम उद्योगों को तो इसकी वजह से बहुत ज्यादा परेशानी होती थी।

Anil dev

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