गुजरात में अपनी विरासत बचाने में जुटी भाजपा

Monday, Oct 16, 2017 - 12:39 PM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ में सेंध लगाने के लिए राहुल गांधी लगातार गुजरात का दौरा कर रहे हैं। एक तरफ भाजपा को अपनी विरासत बचानी है, तो दूसरी ओर कांग्रेस यहां की सत्ता से भाजपा को बेदखल करके साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार कर रही है, ताकि उसके पास नरेंद्र मोदी की नीतियों की विफलता गिनाने के लिए एक आधार मिल जाए। गुजरात चुनाव की अहमियत न केवल राज्य में सत्ता पर कब्जा करने को लेकर है, बल्कि इसका दूरगामी परिणाम लोकसभा चुनाव पर भी पडऩे की पूरी उम्मीद है। भाजपा को जहां मोदी की नीतियों को तार्किक आधार देने के लिए इसे जीतना है, तो दूसरी ओर कांग्रेस को अपना आधार बनाने के लिए भाजपा को सत्ता से हटाना है।  

भाजपा के सामने चुनौतियां
-पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बाद भाजपा के लिए इस समुदाय का वोट पाना एक कठिन चुनौती है। हाल में अमित शाह की रैली के दौरान भी पाटीदारों ने नारेबाजी की थी। 
-दलितों के ऊपर लगातार हो रहे हमलों के कारण दलितों की नाराजगी झेलना पड़ रहा है। गोरक्षा के नाम पर दलितों पर होने वाले हमलों के कारण इन लोगों ने एक रैली भी की है। हाल में मूंछ रखने और गरबा देखने को लेकर भी दलितों पर हमले हुए
-जीएसटी के कारण यहां के कपड़ा व्यापारी परेशान रहे हैं। व्यावसायी वर्ग भाजपा का बड़ा वोट बैंक रहा है लेकिन इस बीच उनके अंदर नाराजगी देखी जा रही है। इन्हें अपने पक्ष में करना भी एक बड़ी चुनौती है। 
-नोटबंदी के कारण भी व्यापारियों की परेशानियां बढ़ी और कई छोटे उद्योग बंद हुए हैं। इसके कारण भी भाजपा को छोटे व्यापारियों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।

सरकार का चुनावी तोहफा 
-पेट्रोल-डीजल पर 4 प्रतिशत वैट कम किया
-मूंगफली का प्रत्येक 20 किलो की एमएसपी 900 रुपए  
-900 करोड़ रुपए मॉनसून के समय खराब हुई सड़क के लिए 
-923 करोड़ रुपए की फसल बीमा समायोजित किया गया 
-सरकारी लाभ लेने के लिए ओबीसी की ऊपरी आमदनी 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख 
-ग्राम रक्षा दल और सागर रक्षा दल के 40 हजार जवानों को दी जाने वाली राशि 100 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए की गई
-1500 करोड़ रुपए की राशि बाढ़ राहत के लिए

Advertising