चोटी प्रकरण : पीडितों का होगा ‘नारको टेस्ट’

Friday, Oct 13, 2017 - 08:09 PM (IST)

श्रीनगर : कश्मीर भर में चोटी काटने की लगातार घटनाओं को लेकर बढ़ते रहस्य के बीच पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि चोटी काटने के मामलों में पीड़ितों का ‘लाइ डिटेक्शन टेस्ट’ और ‘नारको विश्लेषण’ से गुजरना होगा। पुलिस ने घटनाओं की जांच के लिए महिला अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एस.आई.टी.) का भी गठन किया गया है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि पीड़ित और उनके परिवार पुलिस का सहयोग नहीं कर रहे हैं।


पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने अज्ञात लोगों द्वारा उनकी चोटी काटने को लेकर लोगों द्वारा झूठे दावों के बाद पीड़ितों का टेस्ट करवाने का फैसला लिया है। पीड़ितों के या तो हैदराबाद में टेस्ट होंगे या फिर टेस्टों को करने के लिए मशीनरी को श्रीनगर लाया जाएगा। पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीड़ितों जिन्होने दावे किए हैं कि उनकी रहस्यमय परिस्थितियों में चोटी काटी गई हैं, को सेंट्रल फॉरेंसिक प्रयोगशाला हैदराबाद में टेस्टों का सामना करना पड़ेगा या टेस्टों के संचालन के लिए उपकरणों और मशीनों को श्रीनगर लाया जाएगा।


लाइ डिटेक्शन जिसे धोखे का पता या पॉलीग्राफ टेस्ट भी कहा जाता है, में तकनीक के साथ प्रश्न तकनीक का उपयोग किया जाता है जो सच्चाई और झूठ का पता लगाने के लिए शारीरिक कार्यों को रिकॉर्ड करता है। इस स्थिति में उसके लिए झूठ बोलना मुश्किल हो जाता है और उसके जवाब उन तथ्यों, जिसके बारे में उसको पता है तक सीमित रहते हैं।
बता दें कि पिछले एक महीने से कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में अभी तक 100 से ज्यादा चोटी काटने की घटनाओं को रिकॉर्ड किया गया है।

 

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