सरकार लोकसभा व विस चुनाव एक साथ करवाने को तैयार: नायडू

Friday, Jun 10, 2016 - 08:56 PM (IST)

नई दिल्ली: चुनाव आयोग के लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के सुझाव पर केंद्र सरकार ने सहमति जताई है। एक टीवी चैनल से बातचीत में संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि एक साथ चुनाव करवाने को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों से अलग-अलग बातचीत करके सहमति बनाई जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो ऑल पार्टी मीटिंग बुलाकर इस मुद्दे पर बात की जाएगी। हालांकि कांग्रेस सहित कई पार्टियां इस तरह चुनाव करवाने के पक्ष में तो हैं, लेकिन इसकी व्यवहारिकता को लेकर भी सवाल जरूर उठ रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने भी दिखाई है रुचि
नायडू का कहना है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले में रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा, वह भी चाहते हैं कि एक साथ चुनाव हो तो अच्छा है। मोदी ने मार्च में पार्टी की बैठक में कहा था कि देशभर में स्थानीय निकाय और राज्य चुनाव हर साल होते हैं, जिससे कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में रुकावट आती है।

आडवाणी ने पहले ही पेश किया था विचार
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी बहुत पहले सभी चुनावों को एक साथ करवाने का विचार पेश किया था। 1951 और 1952 में पहले आम चुनाव और विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए थे। यह प्रक्रिया 1964 तक चलती रही, लेकिन 1968 और 1969 में कुछ विधानसभाओं को समय से पहले भंग कर दिए जाने से यह प्रक्रिया रुक गई।

मंत्रालय ने एक्सपर्ट कमेटी को भेजा पत्र
अब चुनाव आयोग ने आधिकारिक तौर पर लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने पर अपनी इच्छा जताई है। कानून मंत्रालय को मई में भेजे अपने पत्र में आयोग ने लिखा है, यदि सभी राजनीतिक पार्टियों में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने पर सहमति बन जाती है तो आयोग इस तरह एक साथ चुनाव करवा सकता है। मंत्रालय ने इस पत्र को आयोग की एक्सपर्ट कमेटी को भेजा है।

सवाल उठा रहे राजनीतिक दल
एक तरफ जहां वेंकैया नायडू का कहना है कि सरकार को लगता है कि एक साथ चुनाव करवाने से एक तो चुनावी खर्च कम होगा, वहीं समय की बर्बादी भी नहीं होगी। उधर, राजनीतिक पार्टियों का कहना है कि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय में हो रहे चुनाव को किस तरह से मैनेज किया जाएगा यह बड़ा सवाल है।
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