नायडू ने तेलगू देशम नेताओं की भावनाओं पर लगाया मरहम

Sunday, Mar 04, 2018 - 03:07 PM (IST)

नेशनल डेस्कः केन्द्र सरकार द्वारा आंध्र को कोष आबंटन में विशेष दर्जा न दिए जाने से नाराज मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू द्वारा राजग को अलविदा कहने के अल्टीमेटम से चिंतित भाजपा नेतृत्व ने आखिर एक रास्ता ढूंढ ही लिया। गत सप्ताह विशाखापट्टनम में हुए प्रादेशिक निवेशक सम्मेलन में उपराष्ट्रपति  वेंकैया नायडू स्वयं पधारे ताकि तेलुगू देशम नेताओं की आहत भावनाओं पर मरहम लगा सकें। लेकिन चंद्रबाबू नायडू ने अपनी पार्टी से संबंधित केन्द्रीय मंत्रिमंडल के सदस्यों को यह संदेश भिजवा दिया था कि यदि इस सम्मेलन में आंध्र के लिए विशेष परियोजनाओं की घोषणा नहीं होती तो वे तत्काल मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दें। वेंकैया नायडू ने चंद्रबाबू के साथ लम्बी बातचीत की और दिल्ली लौटकर प्रधानमंत्री को इस बारे में अवगत करवाया।

तब भाजपा ने आंध्र प्रदेश से संबंध रखने वाले अपने महासचिव राम माधव को नायडू से मिलने भेजा ताकि वह उन्हें कोई कड़ा कदम उठाने से रोकें लेकिन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि उनका धैर्य टूट चुका है क्योंकि केन्द्र द्वारा अमरावती में बनने वाली नई राजधानी के लिए कोई पैसा नहीं दिया जा रहा और न ही केन्द्रीय परियोजनाओं की घोषणा की जा रही है। उन्होंने मध्यस्थतों को बताया कि वह 4 वर्ष से केन्द्रीय सहायता का इंतजार कर रहे हैं और अब उनके लिए आंध्र की जनता को मुंह दिखाना मुश्किल हो गया है।

चंद्रबाबू को तो ऐसा लगता है कि भाजपा एक साजिश के अंतर्गत आंध्र को वित्तीय सहायता देने में विलंब कर रही है क्योंकि 2019 के चुनावों में वह वाई.एस.आर. कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर तेदेपा से पिंड छुड़ाना चाहती है। भाजपा और तेदेपा के बीच अविश्वास बढ़ता जा रहा है और यदि 5 मार्च को शुरू होने वाले बजट सत्र में किसी वित्तीय राहत की घोषणा न हुई तो किसी भी समय विस्फोट हो सकता है। हालांकि वेंकैया नायडू ने 2 सप्ताह तक इंतजार करने को कहा है। उम्मीद है कि तब तक 10 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं की घोषणा होगी।

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