नगा उग्रवादी नेता की मौत, मोदी संग समझौते में था अहम रोल

Tuesday, Jun 28, 2016 - 04:51 PM (IST)

नई दिल्ली: पूर्वोत्तर में तीन दशकों तक हिसंक गतिविधियों की अगुआई करने वाले नगा उग्रवादी नेता आइजक चिशी सू की मंगलवार को मौत हो गई। उनके शरीर के सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। नगालैंड सरकार के प्रवक्ता कूली मेरे ने बताया कि एनएससीएन-आईएम के 87 वर्षीय प्रमुख का दक्षिणी दिल्ली के एक अस्पताल में करीब एक साल से उपचार चल रहा था। अस्पताल में ही आज दोपहर उन्होंने अंतिम सांस ली। 

सूमी आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले आइजक नगालैंड के झुनहेबोतो जिले के निवासी थे और उनका शव कल उनके गृह स्थान ले जाया जाएगा। आइजक ने थुइनगालेंग मुइवा के साथ मिलकर 1980 में एनएससीएन-आईएम का गठन किया था। इन दोनों ने नगा नेशनल काउंसिल और केंद्र सरकार के बीच हुए शिलांग समझौते का विरोध किया था। कई वर्षों तक इस समूह पर हत्या, फिरौती और दूसरी विध्वंसक गतिविधियों के आरोप लगते रहे।

साल 1997 में एनएससीएन-आईएम का केंद्र सरकार के शांति के लिए संघर्ष विराम हुआ और इसके बाद यह समूह सरकार के साथ बातचीत करता आ रहा था।  पिछले साल अगस्त में इस समूह ने सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नगालैंड में शांति स्थापित करने की दिशा में ‘एेतिहासिक’ कदम करार दिया था।

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