बब्बर खालसा आतंकी गुरजीत सिंह का फर्जी पासपोर्ट बनवाने वाला वकील गिरफ्तार

Friday, Jan 05, 2018 - 11:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बब्बर खालसा आतंकवादी गुरजीत सिंह व नाभा जेल ब्रेककांड का मुख्य आरोपी गोपी घनश्यामपुरिया के फर्जी नामो से पासपोर्ट बनवाने वाले वकील नरेन्द्र सिंह महल को गिरफतार कर लिया गया है। उसे तीन जनवरी की रात एक बजे गिरफ्तार दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर धर दबोचा गया। शुक्रवार को पीलीभीत एसपी समेत कई अधिकारियों ने आरोपी से पूछताछ की। जिसके बाद उसका चालान कर दिया गया है।

यह था मामला
सितंबर 2017 में नाभा जेल ब्रेककांड के मुख्य आरोपी गोपी घनश्यामपुरिया को पंजाब पुलिस और यूपी एटीएस ने पंजाब से गिरफ्तार किया था। यह फर्जी दस्तावेजों के सहारे पासपोर्ट बनवाकर पीलीभीत का नागरिक बन गया था। इसके बाद से पंजाब पुलिस के इनपुट पर पासपोर्ट दफ्तर से निरस्त करवाया गया। साथ ही पासपोर्ट पर रिपोर्ट लगाने वाले दरोगा समेत 2 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। इस पूरे मामले में पूरनपुर कोतवाली में एक मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया था।

फर्जी पते पर परमजीत के नाम पर था पासपोर्ट 
तत्कालीन समय में पंजाब पुलिस ने पंजाब से ही बब्बर खालसा का आतंकवादी गुरजीत सिंह लड्डा को पकड़ा था। इसके पास से पीलीभीत से बना हुआ पासपोर्ट बरामद हुआ था। यह पासपोर्ट 19/7/16 को सुरजीत सिंह के नाम जारी किया गया था। इसे पूरनपुर कोतवाली के मकरंदपुर के रहने वाला दिखाया गया था। पीलीभीत पुलिस को यह इनपुट मिला कि नाभा जेल ब्रेक कांड का मुख्य आरोपी गोपी घनश्यामपुरिया यहां रहकर अपना पासपोर्ट बनवा रहा है। आरोपी गोपी ने पूरनपुर के ही गणेशगंज के फर्जी पते पर परमजीत सिंह के नाम पर पासपोर्ट अप्लाई किया था।
स पर पुलिस और एलआईयू की सारी रिपोर्टे लग पासपोर्ट दफ्तर में जारी होने के लिए पहुंच चुका था। लेकिन पंजाब पुलिस के इनपुट के बाद पीलीभीत पुलिस ने पासपोर्ट दफ्तर से गोपी के पासपोर्ट को निरस्त करवाया दिया। पुलिस ने परमजीत और सुरजीत के फर्जी पासपोर्ट मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ ही पुलिस रिपोर्ट लगाने वाले 2 कर्मियों को निलंबित कर दिया है। जिन जगहों से दोनों आतंकियों ने पासपोर्ट अप्लाई किया वहां के लोग इन नामों को जानते तक नहीं है। पीलीभीत पुलिस ने जिम्मेदार एच.सी.पी. और एक दरोगा को पासपोर्ट मामले में रिपोर्ट लगाने में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है।

वकील ने सेंटिंग कर बनवाया था पासपोर्ट
इस प्रकरण में नगर के गनेशगंज निवासी अधिवक्ता नरेंद्र सिंह महल का नाम सबसे ऊपर था। आरोप था कि फर्जी अभिलेख के लिए सेटिंग और पासपोर्ट बनवाने में अधिवक्ता की मुख्य भूमिका रही। लेकिन आठ अगस्त 2017 को आरोपी अधिवक्ता कनाडा गया हुआ था, जिस कारण उसकी धरपकड़ अधर में रही। इधर पुलिस ने अधिवक्ता पर शिकंजा कसने के लिए उसका लुक आउट नोटिस निकलवा दिया। नतीजतन चार माह बाद बाद भारत में वापसी करते ही उसे तीन जनवरी की रात एक बजे दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उसको आईबी और एलआईयू की टीम ने धर दबोचा। इसकी सूचना मिलने पर पीलीभीत पुलिस की एक टीम विवेचक जितेंद्र सिंह यादव के नेतृत्व में भेजी गई और उसको पीलीभीत ले गई। 

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