मैसूर रॉयल वेडिंग: 40 साल बाद राजघराने में बजी शहनाई, देखिए रॉयल कपल की Photos

Monday, Jun 27, 2016 - 02:56 PM (IST)

मैसूर: वोडेयार परिवार के वारिस यदुवीर कृष्णदत्त चामाराजा वोडेयार आज तृषिका कुमारी सिंह के साथ परिणय सूत्र में बंध गए। तृषिका राजस्थान में डुंगरपुर शाही परिवार के हर्षवर्धन सिंह और महेश्री कुमारी की बेटी हैं। यह शाही शादी अंबा विलास पैलेस में संपन्न हुई। अंबा विलास पैलेस को पूरा दुल्हन की तरह सजाया गया था। मैसूर राजघराने में 40 साल बाद यह शादी हुई है। शादी की रस्में रविवार से यदुवीर द्वारा राजगुरु की पड़ पूजा रस्म के साथ शुरू हो गई थी।
 

यदुवीर बोस्टन से पढ़े हैं और अभी केवल 24 साल के हैं। पिछले साल 28 मई को राजघराने की परंपरा के अनुसार यदुवीर का राजघराने के मुखिया के तौर पर राजतिलक किया गया था। दशहरा पर्व के दौरान उन्हें राजदरबार की राजरगद्दी पर बैठाया गया था। शादी में करीब 1000 मेहमानों को आमंत्रित किया गया था। आमंत्रितों में राजनेता, कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया और उनके कैबिनेट के मंत्री, कई अधिकारी और देश के अलग-अलग राजघरानों के सदस्य शामिल थे।

शादी का रिसेप्शन 28 जून को मैसूर और 2 जुलाई को बेंगलुरू में दिया जाएगा। यदुवीर और तृषिका की सगाई यदुवीर के राजा बनने से काफी पहले हो गई थी। वाडेयर राजपरिवार के आखिरी वंशज श्रीकांतदत्ता नरसिम्हाराजा वाडेयर थे। उनकी कोई संतान नहीं होने की वजह से उनकी विधवा पत्नी प्रमोदा देवी वाडेयार ने पिछले साल फरवरी में यदुवीर गोपाल राज को औपचारिक रूप से गोद लिया। इसके बाद यदुवीर का नाम यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडेयर रखा गया।

यदुवीर ने अमेरिका की बोस्टन युनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स और इंग्लिश में बीए किया है। वे वाडेयर राजघराने के आखिरी महाराजा जयचमाराजेन्द्र वाडेयर की बेटी राजकुमारी गायत्री देवी के बेटे हैं। वाडेयर वंश ने मैसूर में 1399 से 1947 तक शासन किया। वंश के आखिरी महाराजा जयचमाराजेन्द्र वाडेयर थे, उन्होंने 1940 से भारत की आजादी (1947) तक शासन किया। हालांकि 1950 तक वे महाराजा बने रहे। उनके बाद उनके पुत्र श्रीकांतदत्ता नरसिम्हाराजा को वाडेयर राजघराने का मुखिया बनाया गया। इस विवाह के चलते शाही परंपरा के साथ शनिवार से ही रस्मेंं चल रही थीं।

Advertising