मुहर्रम के दिन नहीं होगा मूर्ति विसर्जन: ममता बनर्जी

Saturday, Sep 16, 2017 - 07:38 PM (IST)

कोलकाता : मूर्ति विसर्जन की समय सीम पर कोर्ट से मुंह की खाने के बाद ममता ने आज मुहर्रम एक नया आदेश जारी किया है। सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि इस दिन प्रदेशभर में कोई मूर्ति विसर्जन नहीं होगा। जबिक इसी मुद्दे पर पिछले साल भी ममता सरकार को कोर्ट से कड़ी फटकार मिली थी। टीएमसी सरकार के नए आदेश से हिंदू संगठनों में खासी नाराजगी दिखाई दे रही है। ममता पर धर्म के नाम पर तुष्टिकरण की राजनीति खेलने का आरोप लगा रहे है।

पिछले शारदीय नवरात्रि के दौरान भी ममता ने ऐसा ही किया था। पंचांग के अनुसार मां दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए तय समय पर रोक लगाकर ममता बनर्जी ने इसलिए उसकी समय-सीमा तय कर दी ताकि उसके अगले दिन मुहर्रम का जुलूस निकालने में कोई दिक्कत न हो। बंगाल के इतिहास में इससे बड़ा काला दिन क्या हो सकता है, क्योंकि दुर्गा पूजा बंगाल की अस्मिता से जुड़ा है, इसमें राज्य की पहचान और सदियों की संस्कृति छिपी है। हैरानी की बात तो ये है कि मुख्यमंत्री ने अपने तुष्टिकरण वाले फैसले का ये कहकर बचाव किया कि वो तो सांप्रदायिक सौहार्द के लिए ऐसा करती हैं।

लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने उसबार भी राज्य की मुख्यमंत्री के चेहरे पर से कथित धर्मनिर्पेक्षता का नकाब हटा दिया और जमकर फटकार लगाई थी। जस्टिस दीपांकर दत्‍ता की सिंगल बेंच ने अपने आदेश में कहा था कि राज्य सरकार का यह फैसला, साफ दिख रहा है कि बहुसंख्‍यकों की कीमत पर अल्‍पसंख्‍यक वर्ग को खुश करने और पुचकारने वाला है। कोर्ट ने यहां तक कहा कि, प्रशासन यह ध्‍यान रख पाने में नाकाम रहा कि इस्‍लाम को मानने वालों के लिए भी मुहर्रम सबसे महत्‍वपूर्ण त्‍योहार नहीं है। रा’‍य सरकार ने लापरवाही से एक समुदाय के प्रति भेदभाव किया है ऐसा करके उन्‍होंने मां दुर्गा की पूजा करने वाले लोगों के संवैधानिक अधिकारों पर अतिक्रमण किया।

ममता ने आज फिर कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके साथ ही मुहर्रम के मौके पर किसी भी तरह के मूर्ति विसर्जन के कार्यक्रम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। त्योहारों के नाम पर राजनीति किसी भी कीमत पर नहीं होनी चाहिए। हिंदू सगंठनों आरएसएस, बजरंग दल,वीएचपी को चेतावनी देते हुए ममता ने कहा कि आग से न खेलें। 

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