फॉसवेक आयोजित करेगी ‘नो योर कैंडिडेट’, मनोनीत पार्षद का भी दावा

Monday, Nov 14, 2016 - 08:52 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : फैडरेशन ऑफ सैक्टर्स वैल्फेयर एसोसिएशन ऑफ चंडीगढ़ (फॉसवेक) की रविवार को हुई एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग में नगर निगम चुनाव छाया रहा। सैक्टर-19 के कम्युनिटी सैंटर में हुई इस मीटिंग के दौरान फैसला लिया गया कि कोई भी सदस्य किसी भी कैंडिडेट का समर्थन करने के लिए फॉसवेक के नाम का इस्तेमाल नहीं करेगा। इसके साथ ही फॉसवेक के बैनर तले सभी वार्ड के कैंडिडेट्स से सीधे बात की जाएगी। ‘नो योर कैंडिडेट’ शीर्षक से जल्द ही एक प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। 

 

मीटिंग के दौरान यह सुझाव फॉसवेक के वाइस चेयरमैन हितेश पुरी ने रखा जिसे सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से अप्रूवल दे दी। जिसके तहत कैंडिडेट का नाम फाइनल होने के बाद यह प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त पुरी ने सुझाव दिया कि नगर निगम हाऊस के लिए फॉसवेक भी अपना एक प्रतिनिधि मनोनीत पार्षद के तौर पर शामिल करवाना चाहिए, क्योंकि फॉसवेक शहर की अधिकांश रैजीडैंट्स वैल्फेयर एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व करती है, ऐसे में निगम में फैडरेशन का एक प्रतिनिधि होना चाहिए। जिस पर एग्जीक्यूटिव कमेटी ने चेयरमैन बलजिंद्र सिंह बिट्टू को अधिकृत किया कि वह पैनल का नाम जल्द ही चंडीगढ़ के प्रशासक तक पहुंचाएं। मीटिंग के दौरान फैसला लिया गया कि सैक्टर-45 में होने वाली चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड फैडरेशन की रैली का फॉसवेक द्वारा समर्थन किया जाएगा।

 

पार्टी को देखकर न दें वोट :
बिट्टू ने सभी सदस्यों से अपील की कि नगर निगम चुनाव में किसी भी कैंडिडेट को पार्टी के नाम पर वोट न दें। केवल उन्हीं को वोट दिया जाए जो ये आश्वासन दें कि वे अपने वार्ड की समस्याओं को दूर करने में पूरा योगदान देंगे और लोकल आर.डब्ल्यू.ए. को भी साथ ले कर चलें। उन्होंने राजनीतिक दलों से भी अपील की कि उन्हीं कैंडिडेट्स को को पार्षद की टिकट दी जाए जो कि अपने वार्ड के परमानैंट रैजीडैंट हों। जिससे कि रैजीडैंट्स की समस्याओं को जल्द से जल्द दूर किया जा सके। 

 

दूसरे डिपार्टमैंट पर डाल रहे जिम्मेदारी :
बलजिंद्र सिंह बिट्टू ने शहर की सफाई व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि मलबा और ग्रीन वेस्ट शहर में कहीं भी देखे जा सकते हैं। जिसकी मुख्य वजह नगर निगम के विभागों में तालमेल की कमी है। अपनी ड्यूटी से मुंह मोड़कर निगम के विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। लोगों पर स्वच्छ भारत के नाम पर टैक्स लगाया जा रहा है लेकिन अभी तक सैक्टर्स में कूड़ा उठाने वाली ट्रॉली तक नहीं पहुंच पाई हैं। 

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