बैंक कर्मचारी ने 127 खातों से करोड़ों रूपए अपने अकाउंट में कर लिया ट्रांसफर... ED भी रह गई हैरान

punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 01:46 PM (IST)

नई दिल्ली:   मुंबई के एक ऐसा हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है कि आपको बैंक से भरोसा ही उठ जाएगा। दरअसल, बैंक ऑफ इंडिया की बांद्रा शाखा में तैनात एक अधिकारी ने बेहद चौंकाने वाली धोखाधड़ी को अंजाम दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है, जिस पर करीब 16.10 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है। आरोपी ने बुजुर्गों, नाबालिगों और यहां तक कि मृत ग्राहकों के 127 खातों में जमा करोड़ों रुपये को चुपचाप अपने निजी खाते में ट्रांसफर कर दिया।

इतना ही नहीं, उसने धोखाधड़ी छिपाने के लिए बैंक के सिस्टम का दुरुपयोग किया और दूसरे कर्मचारियों की आईडी तक इस्तेमाल कर डाली। कुल ठगी ₹16.10 करोड़ की बताई जा रही है - और यह पूरी साजिश मई 2023 से जुलाई 2025 के बीच रची गई। अब ईडी की गिरफ्त में यह कर्मचारी 23 सितंबर तक हिरासत में है, लेकिन जांच एजेंसियों को शक है कि रकम इससे कहीं ज्यादा भी हो सकती है। 

मृतकों और नाबालिगों तक के खातों से पैसे उड़ाए
गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम हितेश सिंगला (32 वर्ष) है। आरोप है कि उसने 127 अलग-अलग खातों से पैसे निकालकर अपने निजी बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। हैरान करने वाली बात ये है कि जिन खातों से पैसे उड़ाए गए, वे वरिष्ठ नागरिकों, नाबालिगों और यहां तक कि मृत ग्राहकों के नाम पर थे।

कैसे हुआ खुलासा?
यह फर्जीवाड़ा तब सामने आया जब एक वरिष्ठ नागरिक के उत्तराधिकारी ने बैंक में उनके खातों की जानकारी मांगी। जांच में खुलासा हुआ कि खाता पहले ही बंद हो चुका है, और बंद होने के बाद उसमें जमा राशि को शाखा के ऑफिस अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया था। फिर वहां से वह रकम सिंगला के नाम पर एक निजी खाते में जमा की गई — वो भी पंजाब की एक ब्रांच में।

कब और कैसे की गई ट्रांजैक्शन?
ED की जांच में सामने आया कि सिंगला ने मई 2023 से जुलाई 2025 के बीच ये अवैध ट्रांजैक्शंस की थीं। वह 2022 से बांद्रा शाखा में तैनात था और 5 अगस्त 2025 को बैंक ने उसे सस्पेंड कर दिया था।

दूसरों की आईडी का इस्तेमाल भी
ईडी ने विशेष अदालत को बताया कि आरोपी ने सिर्फ एक शाखा नहीं, बल्कि चार अलग-अलग शाखाओं के खाताधारकों को निशाना बनाया। इतना ही नहीं, ट्रांजैक्शन को अंजाम देने और सत्यापन की प्रक्रिया में उसने अन्य बैंक कर्मचारियों की आईडी का भी गलत इस्तेमाल किया।

पैसों से की गई निवेश की बाजीगरी?
जांच में यह भी सामने आया कि सिंगला ने ठगी से हासिल किए गए करोड़ों रुपये को शेयर बाजार में निवेश किया है। ईडी को शक है कि असली ठगी की रकम अभी और अधिक हो सकती है। फिलहाल वह 23 सितंबर तक ईडी की हिरासत में है।

 पहले यह मामला बैंक की इंटरनल जांच में सामने आया, जिसके बाद सीबीआई ने प्राथमिक जांच शुरू की और फिर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर लिया। इस पूरे केस ने सरकारी बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा और निगरानी को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


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Content Writer

Anu Malhotra

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