सांसदों ने चेयर पर उछाले कागज तो उपसभापति को आया गुस्सा

Monday, Jul 22, 2019 - 06:15 PM (IST)

नेशनल डेस्कः राज्यसभा में सोमवार को कर्नाटक सियासी संकट, सोनभद्र नरसंहार और दलित उत्पीड़न के मुद्दे पर जोरदार हंगामा देखने को मिला। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा होने लगा और शून्यकाल, प्रश्नकाल दोनों गतिरोध की वजह से नहीं हो सका। सदन की कार्यवाही को भी 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा, लेकिन कार्यवाही फिर से शुरू होते ही हंगामा भी शुरू हो गया और इतना बढ़ गया कि आसन पर बैठे उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह की ओर कागज उछाले गए।

दलित मुद्दा उठाने की मांगी इजाजत
सदन की कार्यवाही जब लंच के बाद शुरू हुई तो मानवाधिकार संरक्षण बिल को चर्चा के लिए राज्यसभा में रखा गया। लेकिन टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि उनकी पार्टी की ओर से दिए गए संसोधन प्रस्ताव को शामिल नहीं किया गया है। साथ ही उन्होंने कर्नाटक और दलित उत्पीड़न का मुद्दा सदन में उठाने की इजाजत मांगी। आसन पर बैठे उपसभापति ने कहा कि इस पर सभापति की ओर से व्यवस्था दी जा चुकी है और मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है, ऐसे में फिर से व्यवस्था नहीं दी जा सकती।

कांग्रेस और टीएमसी सांसदों ने वेल में आकर की नारेबाजी
उपसभापति ने सदन में मानवाधिकार बिल पर चर्चा शुरू करने का आदेश दिया, लेकिन तभी कांग्रेस और टीएमसी समेत विपक्षी दलों के सांसद वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। किसी सांसद ने वेल में से आसन की ओर कागज तक उछाल दिए, जो उपसभापति के ऊपर जाकर गिरे। भाजपा के भूपेंद्र यादव ने सदन में कहा कि विपक्षी नेता मानवाधिकारों के सरंक्षण के खिलाफ है और इसी वजह से वह इस अहम बिल पर चर्चा नहीं होने दे रहे हैं।

राज्यसभा में कुछ सांसदों ने उपसभापति से सदन को ऑर्डर में लाने की मांग की, जिस पर वह भड़क गए। उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आप लोग मुझ से नियमों के पालन की उम्मीद करते हैं लेकिन वेल में खड़े होकर पेपर फाड़ना और मेरे ऊपर फेंकना क्या चेयर का सम्मान है। यह तरीका ठीक नहीं है। इसके बाद भारी हंगामे की बीच बीजेपी के प्रभात झा मानव अधिकार बिल पर अपनी बात सदन में कहते रहे।

Yaspal

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