मंदसौर में हालात में सुधार पर तनाव कायम, बॉर्डर पर पीड़ित परिवारों से मिले राहुल गांधी

punjabkesari.in Thursday, Jun 08, 2017 - 08:05 PM (IST)

मंदसौर (मध्य प्रदेश): मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में आज दंगा-निरोधक अर्धसैनिक बल लाए गए, लेकिन जिले के उपद्रव-ग्रस्त क्षेत्रों में हालात सुधर रहे हैं। किसान फसल के बेहतर मूल्य सहित विभिन्न मांगों को लेकर करीब एक हफ्ते से यहां प्रदर्शन कर रहे हैं। जिले में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) तैनात किए जाने के साथ ही राज्य सरकार ने मंदसौर जिले के कलक्टर स्वतंत्र सिंह और पुलिस अधीक्षक आे.पी. त्रिपाठी का तबादला कर दिया।  हिंसा बढऩे के बाद कल लागू किए गए कर्फ्यू में आज शाम चार बजे से दो घंटे की ढील दी गई है। 

बॉर्डर पर पीड़ित परिवारों से मिले राहुल गांधी
पुलिस फायरिंग में मारे गए 6 किसानों के परिवार से मिलने जा रहे राहुल गांधी को गुरुवार को पुलिस ने नीमच के पास जीरण में हिरासत में लेने के बाद छोड़ दिया। इस दौरान उन्होंने शाम को उदयपुर लौटते वक्त उन्होंने बॉर्डर पर मुलाकात भी की। इससे पहले किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के परिजनों से मिलने के लिए उदयपुर से सड़क मार्ग से रवाना हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बीच रास्ते में कार छोड़कर मोटर साइकिल से दूसरे मार्ग से मंदसौर के लिए निकल गए थे क्योंकि प्रदेश पुलिस ने उन्हें अरेस्ट करने की पूरी तैयारी कर रखी थी। वह राजस्थान-मध्य प्रदेश सीमा स्थित निमोड़ा से अपनी सिक्योरिटी को चकमा देकर निकल तो गए लेकिन आगे मध्यप्रदेश पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया गया हालांकि करीब 4 घंटे बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
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एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सैंकड़ों कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं तथा राजस्थान कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट और मध्यप्रदेश के विधायक जयवर्धन सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है। इन्हें एक सीमेंट कंपनी के गेस्ट हाऊस ले जाया गया है। राहुल के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और कमलनाथ भी थे। राहुल ने राज्य में प्रवेश करने से उन्हें रोकने के लिए किए गए व्यापक पुलिस प्रबंधों को धता बताया। जब राहुल एवं उनके साथ मौजूद लोग नीमच के नया गांव से मंदसौर की ओर बढ़े तो ‘‘जय जवान जय किसान’’ और ‘‘राहुल गांधी जिंदाबाद’’ के नारे सुने जा सकते थे।

 

किसानों को सिर्फ गोली दे सकते हैं मोदी
राहुल ने कहा कि किसानों की इस बदहाली के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार मुझे किसानों से मिलने नहीं देना चाहती। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि मोदीजी ने अमीरों का टैक्स माफ किया लेकिन वे किसानों का कर्ज माफ नहीं कर सकते। वे सिर्फ उन्हें गोली दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे बस इस देश के नागरिक हैं और इन किसानों से मिलना चाहता था, उनकी बात सुनना चाहता था।

62 लोगों को हिरासत में लिया
मध्य प्रदेश के हिंसाग्रस्त जिले में किसान आंदोलन के संबंध में आज सात मामले दर्ज किए गए और 62 लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस अधीक्षक ओम प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि हिंसा की विभिन्न घटनाओं के संबंध में मामले दर्ज किए गए हैं।

मंदसौर में हिंसा जारी
राज्य में गुस्साएं प्रदर्शनकारियों नेबुधवार को जहां मंदसौर, देवास, नीमच, धार और इंदौर सहित कई हिस्सों में लूटपाट, आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव किया। वहीं गुरुवार को भी वहां हिंसा जारी है, जहां प्रदर्शनकारियों ने मंदसौर में एक टोल प्लाज़ा में तोड़ की और वहां रखे 8-10 रुपए लूट लिए।
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मंदसौर के एसपी-कलेक्टर का ट्रांसफर
जिले में गोलीबारी के मद्देनजर त्रिपाठी का तबादला किया गया है। इस गोलीबारी में पांच किसानों की मौत हो गई। त्रिपाठी ने नए कलेक्टर ओ.पी. श्रीवास्तव के साथ प्रैस कॉन्फ्रैंस में कहा कि कुछ लोगों को कल बरहेडा पंत इलाके में मंदसौर के पूर्ववर्ती कलेक्टर एस.के. सिंह के साथ धक्का-मुक्की करने के मामले में भी हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि पिपलिया मंडी के नगर निरीक्षक अनिल सिंह ठाकुर को किसानों पर गोलीबारी के संबंध में फील्ड ड्यूटी से हटा दिया गया है। राकेश चौधरी को नए नगर निरीक्षक के तौर पर स्थानांतरित किया गया है। आज कार्यभार संभालने वाले श्रीवास्तव ने कहा कि वह एक ‘‘चुनौतीपूर्ण स्थिति’’ का सामना कर रहे हैं।  उन्होंने कहा, ‘‘मैं हालात को समझने की कोशिश कर रहा हूं।’’

किसान आंदोलन में पांच की मौत
किसानों के आंदोलन के हिंसक होने पर मंगलवार को पांच लोगों की मौत हो गई थी।  किसान जमीन के बदले मुआवजे के लिए कोर्ट जाने का अधिकार देने, फसल पर आए खर्च का डेढ़ गुना दाम देने, किसानों पर दर्ज मुकद्दमे वापस लेने, कर्ज माफ करने और दूध खरीदी के दाम बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
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बिलखते रहे बच्चे, उपद्रवी करते रहे बस में तोड़फोड़
आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लूटपाट, आगजनी, तोडफ़ोड़ एवं पथराव किया। पथराव में 12 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। आंदोलनकारियों ने कई बसों को आग के हवाले कर दिया। पहले उन्होंने बसों में तोड़फोड़ की। जब तोड़फोड़ की जा रही थी, तब बच्चे और महिलाएं बस के अंदर थीं। बस के अंदर बैठे बच्चे ये सब देख बिलखते रहे, लेकिन उपद्रवी उसमें तोड़फोड़ करते रहे। इंदौर-भोपाल मार्ग पर नेवरी फाटे के पास 12 वाहनों को आग लगा दी गई। पुलिस के आवासीय मकानों, 2 पुलिस थानों, कई ट्रकों, दुकानों एवं एक वेयर हाऊस को जला दिया गया।

कांग्रेस राज में 19 साल पहले हुआ था इस तरह का आंदोलन
इससे पहले मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई में 1998 में किसानों ने इस तरह का आंदोलन किया था। उस समय कांग्रेस सरकार थी। 12 जनवरी 1998 को प्रदर्शन के दौरान 18 लोगों की मौत हुई थी। मुलताई में उस वक्त किसान संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आंदोलन हुआ था। किसान बाढ़ से हुई फसलों की बर्बादी के लिए 5000 रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजे और कर्ज माफी की मांग कर रहे थे।

 


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