महाराष्ट्र में चल रही खींचतान के बीच सांसद प्रियंका चतुर्वेदी बोली- मुझे फोन पर मिल रही धमकी और गालियां

Saturday, Jun 25, 2022 - 05:41 PM (IST)

महाराष्ट्र संकट : सत्तारूढ़ शिवसेना में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और बागी विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूहों में वर्चस्व को लेकर चल रही खींचतान के बीच पार्टी की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शनिवार को कहा कि उन्हें पिछले दिनों कुछ धमकी भरे फोन आए हैं।

चतुर्वेदी ने कहा कि उन्होंने “धमकी और अपशब्दों वाले फोन कॉल” के संबंध में मुंबई के पुलिस आयुक्त संजय पांडे से मुलाकात की है। चतुर्वेदी ने कहा, “मुझे कल से वीओआईपी (इंटरनेट) कॉल के माध्यम से राज्य में बदलती राजनीतिक स्थिति पर धमकी और अपमानजनक फोन आ रहे हैं, जिसे लेकर मुंबई के पुलिस आयुक्त संजय पांडे जी से मुलाकात की।” उन्होंने कहा, “उनके समय के लिए धन्यवाद और यह पता लगाने की उम्मीद है कि वे कायर कौन हैं?”

मुंबई में कई नेताओं के कार्यालयों-आवास पर पुलिस तैनात, 10 जुलाई तक धारा 
एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद से शिवसेना कार्यकर्ताओं के बढ़ते आक्रोश के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने शहर स्थित विभिन्न राजनीतिक दलों और नेताओं के कार्यालयों और उनके आवास पर पुलिस बल तैनात कर दिया है। मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडेय की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में सतर्क रहने और सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए गए। शहर की पुलिस द्वारा राज्यसभा चुनाव से पहले जून के प्रथम सप्ताह में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत जारी निषेधाज्ञा 10 जुलाई तक लागू रहेगी। यह धारा एक स्थान पर पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाती है।

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के विद्रोह और कुछ बागी विधायकों के कार्यालयों पर हमले और तोड़फोड़ की घटनाओं के बीच अमरावती से निर्दलीय लोकसभा सदस्य नवनीत राणा ने शनिवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए ताकि उद्धव ठाकरे की गुंडागर्दी बंद हो और महाराष्ट्र के लोगों की इससे रक्षा की जा सके। शिंदे और बड़ी संख्या में विधायकों ने 21 जून को उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किया था। विद्रोही समूह की मुख्य मांग यह है कि शिवसेना सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) से खुद को अलग करे, जिसमें राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं। 

rajesh kumar

Advertising